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दुष्कर्म के मामलों को लेकर अदालत में दोषियों को 20-20 साल की सजा

यूपी के ललितपुर में कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत एक मोहल्ला निवासी किशोरी से फेसबुक पर दोस्ती करके उसका अपहरण करके दुष्कर्म करने के तीन साल पुराने मामले में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश चंद्रमोहन श्रीवास्तव की अदालत ने आरोपी को 20 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है।

इसके अलावा आरोपी पर 60 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है।वही अर्थदंड अदा न करने पर एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। इसके अलावा औरैया निवासी अभियुक्त के खिलाफ इटावा में भी एक किशोरी से दुष्कर्म का मामला दर्ज है। 

दुष्कर्म के मामलों को लेकर अदालत में दोषियों को 20-20 साल की सजा

विशेष लोक अभियोजक एवं शासकीय अधिवक्ता रमेश कुमार सिंहके मुताबिक एक मोहल्ला निवासी एक व्यक्ति ने तीन साल पहले कोतवाली पुलिस को तहरीर देकर बताया था कि 28 सितंबर 2018 की अलसुबह उसकी 15 वर्षीय बेटी घर में रखे पैसे, सोना, चांदी व स्कूटी लेकर बिना बताए चली गई थी। जिसके बाद काफी खोजबीन करने पर उसकी स्कूटी रेलवे स्टेशन पर खड़ी पाई गई इसके अलावा वह तीन मोबाइल भी ले गई थी। 

कोतवाली पुलिस ने पिता की तहरीर के आधार पर अज्ञात आरोपी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर उसकी खोजबीन शुरू कर दी थी। बता दे की पुलिस ने झांसी रेलवे स्टेशन से 24 अक्तूबर 2018 को किशोरी और आरोपी जिला औरैया निवासी राहुल राजपूत को पकड़ लिया।

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इस मामले में पीड़िता के न्यायालय के बयानों के आधार पर दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट की धाराओं में वृद्धि करते हुए आरोप पत्र दाखिल कर दिए गए थे। तब से यह मामला न्यायालय में विचाराधीन चल रहा था।

वही न्यायाधीश ने बुधवार को अभियोजन पक्ष की ओर से पेश की गई दलीलों, साक्ष्यों व गवाहों के बयानों के आधार पर सुनवाई की। इसमें अभियुक्त को किशोरी का अपहरण कर दुष्कर्म के मामले में  दोषी पाते हुए 20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई। 

इसके अलावा 60 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया। और  अर्थदंड अदा न करने पर एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। शासकीय अधिवक्ता के मुताबिक आरोपी राहुल ने किशोरी से फेसबुक पर दोस्ती करने के बाद उसका अपहरण किया था,

पीड़िता के बयानों में यह बात सामने आई थी। शासकीय अधिवक्ता रमेश कुमार सिंह ने बताया कि इटावा में भी औरैया निवासी अभियुक्त राहुल राजपूत के खिलाफ एक किशोरी से दुष्कर्म का मामला दर्ज है। 

नाबालिग से दुष्कर्म पर बदायूं में 20 साल की सजा

पॉक्सो एक्ट कोर्ट के स्पेशल जज सुबोध वार्ष्णेय ने पांच साल पुराने नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में नामजद आरोपी को मुजरिम ठहराया है। मुजरिम को कोर्ट में 20 साल के कठोर कारावास की सजा के साथ उस पर 30 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। 

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छह अक्तूबर 2016 को जरीफनगर थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी व्यक्ति ने थाने में तहरीर दी थी। व्यक्तिने बताया की उसकी नाबालिग बेटी अपनी मां के साथ खेत से चारा लेकर घर लौट रही थी। इसी दौरान रास्ते में भानुप्रताप, पानसिंह, मुरारीलाल और हेमेंद्र बोलेरो गाड़ी से मिले और उसकी नाबालिग बेटी को जबरन गाड़ी में डालकर ले गए।

आठ अक्तूबर 2016 को पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की।इसके बाद भानु प्रताप 15 अक्तूबर को आरोपी गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। पुलिस ने विवेचना कर भानु प्रताप के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की। अन्य नामजद आरोपियों की कॉल डिटेल के आधार पर नामजदगी झूठी बताई गई।

वही स्पेशल जज पॉक्सो एक्ट सुबोध वार्ष्णेय ने पत्रावली पर मौजूद साक्ष्यों का अवलोकन किया। कोर्ट ने अभियोजन की ओर से विशेष लोक अभियोजक सीपी सिंह और बचाव पक्ष के अधिवक्ता की बहस को सुना। बता दे की कोर्ट ने आरोपी भानु प्रताप को नाबालिग किशोरी के अपहरण कर दुष्कर्म करने के मामले में दोषी करार देते हुए 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। वही कोर्ट ने मुजरिम भानु प्रताप पर 30 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माने की धनराशि जमा होने पर संपूर्ण धनराशि पीड़िता को बतौर मुआवजा देने का भी कोर्ट ने आदेश दिया है।

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