लखनऊ में एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आयी यह मामला लखनऊ का है। वंहा एक युवक को निजी अस्पताल में इलाज के दौरान उसे मृत घोषित कर दिया गया।उसे जब दफनाया जा रहा था,तब पता चला कि वह जिन्दा है, शायद थोड़ी देर और उसके शरीर में हरकत दिखाई ना देती तो उसे जीवित ही दफ़न कर दिया जाता। बीस वर्षीय युवक फुरकान को एक दुर्घटना के बाद 21 जून को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। सोमवार 1 जुलाई को उसे मृत घोषित कर दिया और एम्बुलेंस से घर पंहुचा दिया गया।
फुरकान के बड़े भाई मोहम्मद इरफ़ान ने बताया ” फुरकान की मौत से बेहद दुखी हमलोग दफनाने की तैयारी कर रहे थे,तभी अचानक से उसके शरीर में हरकत हुई हम”राम मनोहर लोहिया अस्पताल ले गए जंहा डॉक्टरों न उसे कहा वह जिन्दा है उसे बेंटीलेटर स्पोर्ट पर रख दिया।”
फुरकान के बड़े भाई इरफ़ान ने एक निजी अस्पताल प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा ,इलाज़ के दौरान अबतक 7 लाख रुपए का भुगतान कर चुके थे और जब हमने उन्हें बताया ,किअब हमारे पास पैसे नहीं है, तो उन्होंने सोमवार को फुरकान को मृत घोषित कर दिया।
लखनऊ के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) नरेंद्र अग्रवाल ने कहा इस मामले की पूरी जाँच की जाएगी। फ़िलहाल सरकारी अस्पताल में फुरकान का इलाज कर रहे डाक्टर ने बताया “मरीज हालत अभी गंभीर है लेकिन वह निश्चित रूप से डेड नहीं है।, उसकी नाड़ी, ब्लड प्रेशर और दिमाग काम कर कर रहा है।उसे वेंटिलेटर स्पोर्ट पर रखा गया है।