बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) सुप्रीमो मायावती और समाजवादी पार्टी (एसपी) अध्यक्ष अखिलेश यादव शनिवार को लखनऊ में साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस करने जा रहे हैं. इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि दोनों आगामी लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन की घोषणा कर सकते हैं.
6 साल पहले हुए गेस्ट हाउस कांड के बाद दोनों पार्टियों में आई दूरी के बाद यह पहला मौका है जब दोनों नेता एक साथ पत्रकारों के सामने बैठे दिखेंगे.
अभी कुछ समय पहले ही अखिलेश और मायावती की दिल्ली में मीटिंग हुई थी जो की 1.30 घंटे चली थी जिसके बाद खबरे आई थी की दोनों के बिच पार्टी की सीटों को लेकर बात हुई है जिसमे समाजवादी पार्टी 35 सीट, बसपा 36 सीट और राष्ट्रीय लोकदल 3 सीट पर चुनाव लड़ेगी. वहीं 4 सीट रिजर्व रखी जाएंगी.
इसके अलावा गठबंधन अमेठी और रायबरेली में अपना उम्मीदवार नहीं उतारेगा. ऐसा पहली बार होगा जब यूपी की राजनीति के दो दिग्गज मायावती और अखिलेश यादव साथ-साथ मीडिया से रूबरू होंगे. प्रेस कॉन्फ्रेंस लखनऊ के होटेल ताज में होगी जिसके लिए मीडिया को आमंत्रित किया गया है.
यह आमंत्रण एसपी के राष्ट्रीय सचिव राजेंद्र चौधरी और बीएसपी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा की ओर से भेजा गया है. इससे पहले राम मंदिर आंदोलन के दौर में 1993 मेंं एसपी और बीएसपी ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था और बीजेपी को शिकस्त देते हुए राज्य में गठबंधन सरकार बनाई थी. बता दें कि गुरुवार को बीएसपी चीफ मायावती तीन महीने बाद दिल्ली से लखनऊ पहुंची थीं.
बता दें कि गोरखपुर उपचुनाव के दौरान से ही दोनों पार्टियां 26 साल की पुरानी दुश्मनी भुलाकर साथ आईं थीं. अखिलेश पर हाल ही में सीबीआई द्धारा शिकंजा कसने के बाद से बसपा पूरी तरह से उसके साथ दिखी है. सपा के महासचिव राम गोपाल यादव और बसपा के सतीष चंद्र मिश्रा ने हाल ही में ज्वाइंट प्रेस कॉन्फेंस करके बीजेपी पर करारा हमला बोला था. सतीष चंद्र मिश्रा ने अखिलेश का बचाव करते हुए कहा कि मुद्दों से भटकाने के लिए सीबीआई का दुरुपयोग किया जा रहा है.