सेंट्रल डेस्क प्राची जैन: गुरुग्राम शहर में बढ़ता प्रदूषण मजदूरों के लिए आफत बन आया है। ईपीसीए के आदेश के बाद शहर में निर्माण कार्यों पर पाबंदी लगी हुई है। इससे दिहाड़ी मजदूर बेरोजगार हो गए हैं। 10 हजार से अधिक मजदूरों पर रोजी-रोटी का संकट आ गया है।
वहीं दूसरे राज्यों से गुरुग्राम में आकर काम करने वाले मजदूर अब पलायन करने लगे हैं। दूसरी ओर गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण द्वारा शहर में करवाए जा रहे विकास कार्य भी रुक गए हैं। शहर में दो दर्जन से अधिक प्रोजेक्ट पर कार्य चल रहा था जो ईपीसीए के अगले आदेश तक बंद है।
दिल्ली व आसपास के क्षेत्रों में प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। प्रदूषण के कारण लोगों का घर से बाहर निकल पाना भी मुश्किल हो गया है। प्रदूषण के स्तर को देखते हुए ईपीसीए ने करीब 10 दिनों से निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध लगाया हुआ है।
बावजूद इसके कुछ निर्माणाधीन साइटों पर काम चल रहा था। इस पर ईपीसीए ने नाराजगी जाहिर करते हुए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को निर्माण कार्य पूरी तरह से बंद करवाने के आदेश दिए। सरकारी और निजी निर्माणाधीन साइटों पर काम बंद हो गया। जिले में 60 से अधिक निर्माणाधीन साइट हैं जिन पर कार्य रुकवा दिया गया है।