अपने चुटीले अन्दाज़ के लिए मशहूर केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कोंग्रेस नेता ग़ुलाम नबी आज़ाद और कपिल सिब्बल पर ली चुटकी।
अठावले ने कहा कोंग्रेस में गुलाम नबी आज़ाद और कपिल सिब्बल की बेइज़्ज़ती की गयी, इन दोनों नेताओं को भी सिंधिया की तरह भाजपा में शामिल हो जाना चाहिए।
गौर तलब है कि कोंग्रेस पार्टी अपनी कार्यप्रणाली और नेतृत्व के मुद्दे पर आपस में ही गुटबाज़ी की शिकार हो रही है।
कुछ नेताओं ने जहां अनदेखी की बात खुले तौर पर कही है वहीं कुछ ने अपने विचार पार्टी नेतृत्व को पत्र लिखकर साझा किए हैं। इसी प्रकरण में कुछ पत्र मीडिया में लीक हो गए। इसपर तिलमिलाए, राहुल गांधी ने कोंग्रेस नेतृत्व का बचाव करते हुए गुलाम नबी आज़ाद, कपिल सिब्बल पर भाजपा के साथ मिले होने का आरोप लगाया।
क्या था मामला
बीते दिनों कोंग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के सोनिया गांधी को लिखी चिट्ठी वाले प्रकरण के बाद उड़े बवाल से, कोंग्रेस पार्टी की काफ़ी किरकिरी हुई।बात यहाँ तक पहुँची कि CWC की मीटिंग की मीडिया को दिए गए briefing में भी सभी पत्रकारों के सवाल के बीच कोंग्रेस दबाव में ही दिखी।
अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि, गुलाम नबी आज़ाद ने कोंग्रेस नेतृत्व को लेकर ख़ासी गम्भीर टिप्पणी की और कहा “‘कांग्रेस के अंदर एक प्रतिशत लोग भी नियुक्त किये हुए अध्यक्ष नहीं चाहते हैं।‘ साथ ही आज़ाद का मानना है की अगर पार्टी के अंदर चुनाव नहीं कराए गए तो 50 वर्षों तक कांग्रेस पार्टी को विपक्ष में बैठना होगा।”
देखिए आरक्षण के मुद्दे पर अठावले के बेबाक़ बोल