16 दिसंबर 2012 को देश की राजधानी दिल्ली में एक ऐसी घटना घटी थी,जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। निर्भया गैंगरेप कांड की आज आठवीं बरसी है. 16 दिसंबर को निर्भया के साथ चलती बस में की गई हैवानियत को याद कर आज भी हर इंसान सिहर उठता है. हैवानियत भी ऐसी जो इससे पहले ना कभी देखी गई और ना ही सुनी गई. हालांकि निर्भया के दोषियों को उनके किए की सजा मिल चुकी है। लेकिन कुछ सवाल अभी भी बाकी हैं। कुछ दर्द अभी भी दिखाई देता है। ऐसा ही कुछ दर्द और सवाल बाकी हैं निर्भया के माता-पिता के मन में…
अपनी बेटी को खो चुकी निर्भया की मां ने हाल ही में एक मीडिया एजेंसी इंटरव्यू दिया है। जिसमें उन्होंने बताया कि अपनी बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए उन्होंने आठ साल की लंबी लड़ाई लड़ी है. जिसके बाद उनकी बेटी को इंसाफ मिल पाया है. उन्होंने कहा कि, बेटी को इंसाफ मिल गया है और चार दोषियों को फांसी हुई. साथ ही ये भी कहा कि हम आगे भी दूसरी बच्चियों के इंसाफ के लिए लड़ते रहेंगे.
इसके साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि आज के दिन हर साल अपनी बेटी की याद में हम जो कुछ भी करते थे वो इस बार नहीं करेंगे। इस साल कोरोना के कहर की वजह से निर्भया को श्रद्धांजलि देने के लिए किसी भी कार्यक्रम के आयोजन से उनकी मां ने इनकार किया है। हालांकि उन्होंने कहा कि ऑनलाइन प्रोग्राम करके निर्भया के श्रद्धांजलि दी जाएगी और उसे याद किया जाएगा।