पिछले एक महीने से भी ज्यादा वक्त से नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों का रुख अब लगातार सख्त होता दिख रहा है। नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन 34वें दिन भी जारी रहा है। दिल्ली की सभी सीमाओं को घेरकर बैठे किसान लगातार कृषि कानूनों को वापस करानेकी मांग पर अड़े हैं तो वहीं इस बीच अब किसान संगठनों ने आंदोलन को तेज करने की तैयारी कर ली है। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने आंदोलन तेज करने की चेतावनी देते है तीखा रुख अख्तियार किया है। साथ ही टिकैत ने विपक्ष पर भी तीखा निशाना साधा है।
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि क्रांति चिंगारी बनेगी। देश का किसान है, सरकार को बात मान लेनी चाहिए. विपक्ष मजबूत नहीं है. देश में विपक्ष मजबूत रहना चाहिए, अगर विपक्ष मजबूत होता तो हम लोगों को सड़कों पर आने की जरुरत नहीं पड़ती।
दरअसल नए कृषि कानूनों के खिलाफ लंबे वक्त से किसानों ने दिल्ली को घेर रखा है। ना सिर्फ राजधानी के लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है बल्कि व्यापार में भी खासा नुकसान हो रहा है। हालांकि किसान संगठनों और सरकार के बीच अभी तक 6 दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन अब तक कोई सहमति नहीं बन पाई है। आंदोलन कर रहे किसानों और सरकार के बीच अगले दौर की बातचीत अब 30 दिसंबर को तय हुई है। किसानों ने बातचीत के लिए सरकार को 29 दिसंबर की तारीख दी थी, लेकिन सरकार की तरफ से 30 दिसंबर का न्योता मिला, जिसे किसानों ने मान लिया है। हालांकि इसके साथ ही किसानों ने सरकार से वार्ता को लेकर अपना एजेंडा साफ करने को भी कहा है।