कोरोना वैक्सीन को लेकर देश के लोगों को बेहद बेसब्री से इंतजार है। हालांकि देश में दो कोरोना वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल को मंजूरी मिल चुकी है लेकिन अभी तक ये साफ नहीं हो सका है कि आखिर कब से लोगों को वैक्सीन लगाने का काम शुरू होगा। इसे लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने मंगलवार को कहा कि भारत में कोरोना वायरस की पहली वैक्सीन 13 जनवरी को दी जा सकती है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि इमरजेंसी यूज़ ऑथोराइजेशन जिस दिन हुआ है उसके 10 दिन के अंदर वैक्सीनेशन का काम शुरू करने की पूरी तैयारी है।
स्वास्थ्य सचिव ने जानकारी दी कि वैक्सीनेशन के लिए सेशन बांटने की पूरी प्रकिया इलेक्ट्रॉनिक तरीके से पूरी होगी। लाभार्थी को वैक्सीनेशन का डिजिटल रिकॉर्ड रखा जाएगा। साथ ही पहले डोज के बाद उसे अगला डोज़ लेने कब आना है इसकी जानकारी भी लाभार्थी को डिजिटली ही मिलेगी। उन्होंने कहा कि वैक्सीन लेने के बाद अगर उसका कोई बुरा प्रभाव सामने आता है तो उसकी रियल टाइम रिपोर्टिंग के लिए कोविन वैक्सीन डिलीवरी मैनेजमेंट सिस्टम में सिस्टम तैयार किया गया है।
वैक्सीनेशन की प्रक्रिया को लेकर मुख्य सचिव ने कहा कि कोविन प्लेटफॉर्म हमने भारत में ही तैयार किया है। लेकिन ये विश्व के लिए है, जो भी देश इसका इस्तेमाल करना चाहेंगे भारत सरकार इसमें उनकी पूरी मदद करेगी। हेल्थ वर्कर और फ्रंट लाइन वर्कर को कोविन प्लेटफॉर्म पर अपना रजिस्ट्रेशन कराने की आवश्यकता नहीं होगी क्योंकि उनका डाटा पहले ही तैयार किया जा चुका है।
देश में करनाल, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता में स्थित GMSD नामक 4 प्राथमिक वैक्सीन स्टोर तैयार किए गए हैं। इसके अलावा देश में 37 वैक्सीन स्टोर भी हैं। इन स्टोर्स के जरिए वैक्सीन को थोक में इकट्ठा करके आगे वितरण किया जाएगा। स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि स्टोर किए गए टीकों की संख्या और तापमान ट्रैकर सहित सुविधा की डिजिटल निगरानी की व्यवस्था पहले से मौजूद है। भारत के पास ये सुविधा एक दशक से भी ज्यादा वक्त से मौजूद है।