उत्तराखंड के चमोली में हुए हादसे में सात दिनों बाद भी रेस्क्यू का काम लगातार जारी है। सात फरवरी को ग्लेशियर टूटने से आए सैलाब में मरने वालों की संख्या अब बढ़कर 44 हो गई है। रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान तपोवन सुरंग में 4 और शव मिले हैं। जबकि रैणी गांव से भी 2 शव मिले हैं। जिसके बाद इस हादसे में मरने वाले लोगों की संख्या 44 हो गई है।
वहीं तपोवन टनल से मलबा और कीचड़ हटाने के काम में रेस्क्यू टीमें लगातार जुटी हुई हैं। संभावना जताई जा रही है कि अभी भी कुछ लोग सुरंग के अंदर फंसे हो सकते हैं। चमोली जिले में ग्लेशियर टूटने के बाद आई आपदा से जन जीवन काफी प्रभावित हुआ है। कई गांवों से संपर्क टूटने के बाद आईटीबीपी और दूसरे बल लगातार राहत बचाव कार्य कर रहे हैं। गांवों में कैंप लगाकर राहत सामग्री बांटी जा रही है।
वहीं जानकारी है कि ऋषिगंगा नदी से लगभग 400 मीटर लंबी नई झील तैयार हुई है जिसने चिंताएं बढ़ा दी हैं। इस झील को लेकर प्रशासन अलर्ट पर है और रेस्क्यू के काम में भी खासी एहतियात बरती जा रही है। वहीं कई गांवों का भी धौलीगंगा झूला पुल टूटने की वजह से संपर्क कट गया था। अब पीडब्लूडी ने ट्रॉली पुल तैयार कर इन गांव के लोगों को राहत देने की कोशिश की है।