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पूर्वी भारत में वर्षा के जल का प्रकोप!

पूर्वी भारत में बुधवार यानी कि आज सुबह से ही कई क्षेत्रों में भारी वर्षा हो रही है। जिनमें कि वाराणसी, जौनपुर, गाजीपुर, गोरखपुर सहित पूर्वांचल के कई जिले आते हैं।
मौसम विभाग की माने तो पूर्वी उत्तर प्रदेश के इलाकों में अगले 5 दिन तक भारी वर्षा हो सकती है इसका कारण बिहार पर केंद्रित एक चक्रवातीय दबाव बताया जा रहा है।
विभाग द्वारा दी गई चेतावनी में कहा गया है कि अगले 24 घंटों में प्रदेश के कुछ इलाकों में गरज चमक के साथ भारी बारिश और कहीं-कहीं वज्रपात की घटनाएं भी हो सकती हैं।

पिछले 24 घंटों के दौरान पूर्वी यूपी के अधिकांश स्थानों पर हल्की से सामान्य बारिश हुई। कहीं-कहीं बौछारें भी पड़ीं जबकि पश्चिमी यूपी में कई स्थानों पर भारी बारिश भी रिकार्ड की गई। इस दरम्यान खीरी के धौरहरा में सबसे अधिक 16 सेंटी बारिश दर्ज की गई। इसके अलावा हमीरपुर के मौधा में 12, बांदा, आगरा के खैरागढ़ में 11-11 सेण्टीमीटर, महोबा, गोण्डा के कर्नलगंज में नौ-नौ, बस्ती,रायबरेली, एटा, कासगंज में आठ-आठ, मुरादाबाद, कांठ, कानपुर नगर, प्रतापगढ़ के लालगंज, गाजीपुर में सात-सात सेण्टीमीटर बारिश रिकार्ड की गई। इस बदली बारिश की वजह से प्रदेश के अनेक मण्डलों में दिन व रात के तापमान में गिरावट दर्ज की गयी जो कि सामान्य से कम रहे।

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वहीं दूसरी ओर पूर्वांचल में गंगा अपने उफान पर है। यूपी के वाराणसी के 41 गांवों और 17 मोहल्लों पर बाढ़ का असर देखा जा सकता है। काशी में गंगा का जलस्तर 1.4 सेंमी प्रति घंटा की औसत दर से लगातार बढ़ रहा है। आशंका है कि इस बार 2013 जैसे बाढ़ के हालात होंगे। वहीं उधर पूर्वांचल के मिर्जापुर, भदोही, वाराणसी, चंदौली, गाजीपुर और बलिया में गंगा का पानी सैकड़ों गांवों में घुस गई है। बलिया-गाजीपुर मार्ग समेत कई अहम रास्तों पर बाढ़ के कारण यात्रा बंद कर दी गई है। वहीं घाघरा नदी भी आजमगढ़, मऊ और बलिया में ऊफान पर है। जौनपुर में गोमती नदी का जलस्तर भी बढ़ाव पर है।

काशी में गंगा ने धीरे-धीरे अपना विकराल रूप लेना शुरू कर दिया है। तो वहीं दूसरी ओर बाढ़ का पानी धीरे-धीरे सभी गांव और मुहल्लों को अपने अंदर समेटता जा रहा है।
गंगा के विकराल रूप धारण करने से वरुणा का वेग भी काबू से बाहर होता जा रहा है।
नदियों का यू सुनामी रूप लेने से सभी गांव और मोहल्लों में दहशत का माहौल बन गया है। मंगलवार सुबह गंगा का जलस्तर 71.74 मीटर था जो अगले दस घंटों में 14 सेमी बढ़ाव के साथ 71.88 मीटर पहुंच गया था। गंगा में बढ़ाव की औसत दर 1.4 सेमी प्रति घंटा है। सुबह आठ बजे से शाम पांच बजे तक बढ़ाव की गति एक सेमी प्रति घंटा थी लेकिन शाम पांच बजे के बाद पुन: दो सेमी प्रति घंटा की दर से बढ़ाव जारी है। जिले में बाढ़ से 41 गांव व शहर के 17 मोहल्ले घिर गये हैं। इनमें रहने वाले 30 हजार 921 लोग प्रभावित हुए हैं। बलिया में दोपहर बाद दो बजे नदी का जलस्तर 59.730 मीटर दर्ज किया गया। गंगा का जलस्तर हाई लेवल 60.390 मीटर से थोड़ा ही नीचे हैं। वहीं मिर्जापुर सदर और चुनार के दो दर्जन गांव बाढ़ के पानी से घिर चुके हैं। गंगा का जलस्तर पहुंचा 77.500 मीटर पर पहुंच चुका है। सीखड़ और नरायनपुर ब्लाक के सर्वाधिक 20 गांव बाढ़ की चपेट में हैं। विंध्याचल के गोसाईपुरवा,महड़ौरा,देवरी और बिरोही गांव में आवागमन प्रभावित है।

चंदेरी गांव में गंगा का स्तर खतरे की घंटी को बजाता हुआ दिख रहा है। नियामताबाद, चहनिया व धानापुर के गांवों में बाढ़ का पानी तटवर्ती गांवों में पहुंच चुका है। जिससे कि सभी ग्रामीण प्रवास करते दिख रहे हैं। गाजीपुर में गंगा के बढ़ने से शहर के खुदाईपुरा, लकड़ीका टाल सहित समीपवर्ती इलाकों में पानी पहुंच चुका है। लोग अपना घर छोड़ पलायन कर रहे हैं। गाजीपुर में कर्मनाशा के बाढ़ का भी कहर बरस रहा है। कर्मनाशा के बाढ़ से भतौरा, मनिहर बन स्थित राजभर बस्ती, सायर, पकवलिया, राजमल बांध आदि गांव के लोग काफी चिंतित और डरें हुए हैं। गंगा के जल स्तर में हो रही तेजी से हो रहे बढ़ाव से गांव के हर घाटों की स्थिति खराब हो गई है। बाढ़ का पानी अब नरवा घाट की कुल 64 सीढ़ियों को अपनी आगोश में लेने वाला है। लगभग यही स्थिती गहमर सोझवा, पंचमुखी, बाघनारा, मठिया आदि घाट की है। कटान काफी तेजी से शुरू हो गया है। तटवर्ती मल्लाह बस्ती के लोगों ने बताया कि विगत 24 घंटे में लगभग ढाई से तीन फिट पानी बढ़ गया है।

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