गर्मी का आलम ये है कि मानो सूरज देवता आसमान से आग उगल रहे हैं। दिल्ली-एनसीआर, राजस्थान, बिहार, यूपी और संपूर्ण उत्तर भारत में गर्मी के चलते लोग त्राहिमाम कर रहे हैं। सुबह से लेकर देर शाम होने तक लोगों को लू के थपेड़ों का सामना करना पड़ता है। मौसम विभाग की माने तो फिलहाल आने वाले दिनों में गर्मी के सितम से राहत नहीं मिलने वाली है। दिल्ली वालों के लिए तो और बुरी खबर है कि शुक्रवार तक तापमान और ऊपर जा सकता है। हालांकि इसके साथ ही देश के दक्षिणी हिस्से में रहने वाले लोगों के लिए मौसम खुशनुमा बन गया है। दक्षिणी भारत के कई हिस्सों में मौसम ने करवट बदला है और वहां बारिश ने दस्तक दे दी है।
केरल में मंगलवार को मौसम का मिजाज बदल गई। कई इलाकों में झमाझम बारिश हुई। इससे लोगों को गर्मी से राहत मिला। मौसम विभाग के मुताबिक, केरल के अलावा तमिलनाडु, पुडुचेरी, लक्षद्वीप और कर्नाटक में भी मौसम का मिजाज बदल सकता है। आने वाले दिनों में आंधी, बिजली और तेज हवाओं (30-40 किमी/घंटा) के साथ व्यापक रूप से हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। अगले पांच दिनों के दौरान तटीय आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और रायलसीमा में तेज आंधी के साथ छिटपुट हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है। अच्छी बात ये है कि इस बार मॉनसून अलग रफ्तार में दिख रहा। इसके तय समय से पहले एंट्री के आसार जताए जा रहे।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के लेटेस्ट अपडेट में बताया कि 24 मई तक दिल्ली, हरियाणा, चंडीगढ़, पंजाब, राजस्थान, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तर-पश्चिमी मध्य प्रदेश के कई क्षेत्रों में भीषण लू चलने की संभावना है। 21-22 मई को पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ स्थानों पर भीषण गर्मी के आसार हैं। 24 मई तक हिमाचल प्रदेश, गुजरात और उत्तर-पूर्वी मध्य प्रदेश, बिहार में गर्म हवा चलने की संभावना है। 21 से 23 मई के दौरान ओडिशा में भी गर्म हवाओं का असर नजर आएगा। कोंकण और गोवा, बिहार, झारखंड समेत कई जगहों में तपती गर्मी का अलर्ट जारी किया गया है।
आईएमडी ने दिल्ली के लिए अपने पूर्वानुमान में कहा है कि शनिवार को आंशिक रूप से बादल छाए रह सकते हैं। दिन के समय 25 से 35 किमी प्रति घंटे की गति से तेज सतही हवा चलन सकती हैं। अधिकतम तापमान 44 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना है।
आईएमडी के मुताबिक, अगले 2 से 3 दिनों के दौरान दक्षिण-पूर्व अरब सागर के कुछ हिस्सों, मालदीव के कुछ और हिस्सों में मॉनसून का असर नजर आ सकता है। दक्षिणी बंगाल की खाड़ी, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के कुछ और हिस्सों में दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं।