Written By : Amisha Gupta
टीम इंडिया के पूर्व खिलाड़ी और मौजूदा कोच गौतम गंभीर को दिल्ली हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है।
एक धोखाधड़ी के मामले में उनके खिलाफ किसी भी तरह की कार्रवाई पर रोक लगा दी गई है। यह मामला गौतम गंभीर के खिलाफ एक रियल एस्टेट परियोजना में कथित अनियमितताओं से जुड़ा था, जिसमें उनके नाम और छवि का उपयोग किया गया था। आरोप था कि इस परियोजना के तहत लोगों से पैसे लेने के बाद फ्लैट्स की डिलीवरी नहीं की गई। गंभीर ने अदालत में अपनी याचिका दाखिल करते हुए कहा था कि वह इस परियोजना के केवल ब्रांड एंबेसडर थे और इसका संचालन या प्रबंधन उनके नियंत्रण में नहीं था। उन्होंने इस मामले में अपना नाम घसीटे जाने को अनुचित ठहराया। गौतम गंभीर ने यह भी तर्क दिया कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों में कोई ठोस सबूत नहीं है।
दिल्ली हाई कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए गौतम गंभीर को राहत प्रदान की और उनके खिलाफ किसी भी तरह की पुलिस कार्रवाई पर रोक लगा दी।
कोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्टया उनके खिलाफ लगे आरोपों में दम नहीं दिखता है। इस फैसले से गौतम गंभीर और उनके प्रशंसकों को बड़ी राहत मिली है। गंभीर का कहना है कि वह हमेशा कानून का सम्मान करते हैं और अपनी छवि को बेवजह बदनाम करने की किसी भी कोशिश का विरोध करेंगे। कोर्ट ने इस मामले में अन्य पक्षों से भी जवाब मांगा है और मामले की अगली सुनवाई जल्द निर्धारित की जाएगी। यह राहत गंभीर के लिए व्यक्तिगत और पेशेवर दोनों स्तरों पर महत्वपूर्ण है, खासकर जब वह भारतीय क्रिकेट टीम में अपनी भूमिका निभा रहे हैं।