सेन्ट्रल डेस्क- जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले की दुनियाभर में कड़े शब्दों में निंदा की गई । इस हमले के बाद भारत ने एक बार फिर जैश के सरगना मसूद अज़हर को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित किए जाने की मांग को दोहराया है। इस प्रस्ताव में भारत का साथ अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने दिया था। अब एक नए प्रस्ताव के तहत भारत ने यूएनएससी से आतंकी मसूद अज़हर को बैन करने की मांग की है। बता दें कि अगर यूएन में ये प्रस्ताव पास हो जाता है तो उसकी वैश्विक यात्रा पर बैन लगने के साथ-साथ सारी संपत्ति जब्त कर ली जाएगी। इसके अलावा मसूद अज़हर के हथियार रखने पर भी पाबंदी लग जाएगी।
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इस बात से सभी इत्तेफाक रखते हैं कि मसूद अज़हर को बैन करने के प्रस्ताव पर चीन हमेशा से असहमति जताता आ रहा है। इससे पहले भी साल 2016 में चीन ने यूएनएससी में इस्लामिक स्टेट और साल 2017 में जेईएम के मुखिया मसूद अज़हर को बैन करने से रोक दिया था।
बता दें कि बुधवार को अज़हर को बैन करने का प्रस्ताव यूएनएससी के तीन स्थायी सदस्यों ने पेश किया, जिनमें अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस शामिल हैं। इन सदस्यों के पास वीटो शक्ति है। इस नए प्रस्ताव पर विचार करने के लिए सुरक्षा परिषद प्रतिबंध समीति के पास 10 दिनों का समय होगा। आपको जानकर हैरानी होगी कि पिछले 10 सालों में मसूद अज़हर को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित करने के लिए ये चौथा प्रस्ताव है।
क्या है वीटो शक्ति?
वीटो एक लेटिन शब्द है, जिसका अर्थ है ‘मैं निषेध करता हूं’। बता दें कि अगर किसी देश के द्वारा सुरक्षा परिषद में प्रस्ताव रखा जाता है और अगर कोई स्थाई सदस्य देश इस प्रस्ताव से सहमत नहीं है, तो ये प्रस्ताव पास नहीं किया जाएगा। किसी भी प्रस्ताव को सुरक्षा परिषद में पास करवाने के लिए पांच स्थायी सदस्यों की सर्वसम्मति जरूरी है। अगर पांच स्थायी सदस्यों में से कोई एक देश भी इस प्रस्ताव के खिलाफ वोट करता है, तो इसे वीटो कहा जाता है। ये शक्ति संयुक्त राष्ट्र अमेरिका, रुस, यूके, फ्रांस और चीन के पास है।