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ओमेगा स्टडी सेंटर दरभंगा के 5 बच्चों ने आई आई टी -एडवांस में लहराया परचम।

शशि शेखर आई आई टी-एडवांस में AIR – 46, प्रत्युष AIR – 2117 रैंक, नवनीत राज AIR – 5167 रैंक, गणेश कुमार AIR – 5604 रैंक और सिद्धार्थ प्रणय AIR – 23541 रैंक किया हासिल।
इंजीनियरिंग के लिए आई.आई.टी कैंपस का मतलब होता है सपनों का साकार हो जाना और इसी वजह से बिहार से छात्रों का पलायन कोटा, दिल्ली की तरफ होता थाऔर कोई ये सोच नहीं सकता था की दरभंगा में रह कर भी आई आई टी- एडवांस की परीक्षा में सफलता पायी जा सकती है। इस पूरी सोच को बदलते हुए दरभंगा के ओमेगा स्टडी सेंटर ने इतिहास रचा है।


कल जेईई एडवांस का रिजल्ट आया और ओमेगा के पाँच बच्चों ने एडवांस में न सिर्फ सफलता अर्जित किया है बल्कि बेहतरीन रैंक लाकर आई आई टी में जाना पक्का कर मिथिलांचल का नाम रौशन किया है।
आई आई टी-एडवांस में AIR – 46 (cr*) रैंक हासिल करने वाले शशि शेखर ने मिडिया से बात करते हुए बताया की “बाहर जा कर तैयारी करने से कई तरीके की कठिनाई होती है और अपने लक्ष्य से भटकने का डर भी होता है। अब जब दरभंगा में खुद आई.आई.टी से पढ़े शिक्षक ओमेगा में पढ़ा रहें है तो बाहर जाने का मतलब ही नहीं है।”


अपनी सफलता का पूरा श्रेय उन्होंने अपने परिवार सहित ओमेगा स्टडी सेंटर को देते हुए ये कहा की “धीरज सर और अमित सर का मैथ, मनीष सर, संतोष सर और अखिलेश सर का केमिस्ट्री और सुजीत सर, रोहित सर का फिजिक्स पढ़ाने का तरीका ही इतना सहज है जो JEE की तैयारी को आसान बना देता है और सिर्फ रोज़ होमवर्क करके और 5-6 घंटा पढ़ने से IIT की परीक्षा में सफलता पाई जा सकती है ।

आई.आई.टी-एडवांस में AIR – 2117 रैंक हासिल करने वाले प्रत्युष ने बताया कि ऐसा नहीं सोचा था। मैं वर्ष 2017 से ओमेगा में अध्ययनरत हूं। यहां टीचर्स स्टूडेंट्स के साथ काफी मेहनत करते हैं। स्टूडेंट का लक्ष्य होता है आईआईटी में जाना और फैकल्टीज का लक्ष्य होता है स्टूडेंट को जेईई में सफलता दिलाना। पढ़ाई के दौरान कोई भी डाउट्स हो, टीचर्स हमेशा मदद के लिए तैयार रहते थे। अच्छे पढ़ने वाले दोस्त यहां मिले, पढ़ाने वाले ऐसे शिक्षक मिले जो पूरे देश में कहीं उपलब्ध नहीं होते।

वहीं नवनीत राज AIR – 5167 ने बताया कि ओमेगा में आने के बाद मेरी स्ट्रैन्थ काफी बढ़ गई। नियमित रूप से रेगुलर क्लास के अलावा 6 से 7 घंटे का शेड्यूल बनाकर सेल्फ स्टडी करता था। खुद का एनालिसिस करने के लिए मॉक टेस्ट भी देता था। परफॉर्मेन्स में सुधार के लिए ओमेगा में होने वाले वीकली टेस्ट भी देता था। सबसे मुख्य बात थी कि मैं रोजाना पढ़ाई के दौरान जो डाउट्स आते थे, उन्हें उसी दिन क्लीयर करता था। डाउट क्लीयर करने के बाद ही मैं रात को सोता था ।


संस्थान के डायरेक्टर श्री सुमन कुमार ठाकुर ने कहा कि ‘ओमेगा ने अपने आरम्भ के प्रथम वर्ष से हीं JEE-Mains में शानदार रिजल्ट देना शुरू किया और आज एक साथ पांच-पांच आई आई टी-एडवांस का रिजल्ट दे कर कमाल कर दिया है। कोटा में जहाँ बनने से ज्यादा भटकाव का डर रहता है वही दरभंगा में इन शिक्षकों से पढ़ कर बच्चे अपने माता-पिता के साथ रहते है और भरपूर तैयारी करते है।’



संस्थान के मैनेजिंग डायरेक्टर श्री सुमित कुमार चौबे ने बच्चों के बेहतर भविष्य की कामना की साथ ही सभी फैकल्टीज मेंबर को उनके बेहतरीन मार्गदर्शन के लिए धन्यवाद दिया ।


श्री ठाकुर ने बताया की छात्रों के साथ – साथ छात्राओं का भी रूचि अब दरभंगा में आ जाने से बढ़ गया है। यही वजह है की पुरे उतर बिहार में लगातार ओमेगा पर अभिभावकों का विश्वाश बढ़ रहा है और संस्थान भविष्य में भी बेहतरीन रिजल्ट देने को कृतसंकल्पित है।

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