प्रखंड स्तर पर आईसीयू व आपातकाल सेवाएं बहाल करे सरकार – आइसा
मुजफ्फरपुर सहित बिहार के विभिन्न जिलों में चमकी बुखार के प्रकोप से 150 से अधिक बच्चों की मौत के विरोध में भाकपा(माले), ऑल इंडिया स्टूडेंट एसोशिएशन (आइसा), इंक़लाबी नौजवान सभा (इनौस),अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन(ऐपवा) के राज्यव्यापी प्रतिरोध के तहत ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के सेंट्रल लाइब्रेरी स्थित बाबा नागार्जुन के प्रतिमा स्थल से श्याम माई मंदिर,विश्वविद्यालय थाना होते हुए कॉमरेड भोगेन्द्र झा चौक तक प्रतिरोध मार्च निकाला गया।
जिसका नेतृत्व विशाल मांझी, शनिचरी देवी,केशरी यादव,अमित पासवान ने संयुक्त रूप से किया।वही भोगेन्द्र झा चौक पर आयोजित प्रतिरोध सभा की अध्यक्षता करते हुए इनौस के राज्य सह-सचिव गजेंद्र नारायण शर्मा ने इतनी बड़ी संख्या में बच्चों की मौत के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया .
उन्होंने कहा कि विगत कई सालों से इस मौसम में इस अज्ञात बीमारी से सैंकड़ों बच्चे मारे जाते रहे हैं. यदि सरकार ने पहले से इसके रोकथाम के उपाय किए होते तो मरने वाले बच्चों की संख्या काफी कम हो सकती थी.उन्होंने इस घटना के लिए बिहार के स्वास्थ्य मंत्री को जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा देने की माग की।
वही दिल्ली आइसा के नेता प्रसेनजीत ने कहा कि गरीबों के ही बच्चे इस बीमारी के सर्वाधिक शिकार हो रहे हैं. क्योंकि सही समय पर उनका इलाज नहीं हो पाता. गांव, प्रखंड अथवा अनुमंडल स्तर पर अस्पतालों की घोर कमी और जिला स्तर के भी अस्पतालों में आईसीयू व इमरजेंसी सेवा की खराब स्थिति के कारण मरने वाले बच्चों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. इस मामले में दिल्ली-पटना की सरकार आपराधिक लापरवाही बरत रही है। जिसे कतई बर्दाश्त नही किया जाएगा.
आइसा के राज्य सह सचिव ‘संदीप कुमार चौधरी‘ ने कहा कि चमकी बुखार का प्रकोप बड़ी तेजी से बिहार के अन्य जिलों में फैल रहा है।लेकिन देश और राज्य की सरकार सिर्फ दौरा कर यहीपर अपनी जिम्मेदारी को खत्म समझते है।
उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों से लगातार इस मौसम मे इस बीमारी से सैकड़ों बच्चे मरते है लेकिन सरकार इसपर कोई ठोस कदम नही उठा पाई देश के स्वस्थ मंत्री पाँच साल पूर्व घोषणा किये थे कि सौ बैड वाला अस्पताल बनाया जाएगा लेकिन पांच सालों तक कुछ नही हुआ पुन:एक बार सौ बैड वाला अस्पताल बनाने का जुमला देकर चल दिये ऐसे जुमलेवाज सरकार के खिलाफ आर-पार की लड़ाई लड़ी जाएगी।
इनौस के जिला अध्यक्ष केशरी यादव ने कहा बीमारी के रोक थाम के लिए कदम नही उठा रही है। जिला स्तर पर आईसीयू युक्त व प्रखंड स्तर के अस्पतालों में इमरजेंसी सेवायें बहाल की जाएं. अक्सर देखा जाता है कि जब किसी गांव में कोई बच्चा चमकी बुखार की चपेट में आता है, तो शहर के अस्पताल तक पहुंचते-पहुंचते उसकी हालत बहुत खराब हो जाती है और उसे बचाना संभव नहीं रह जाता है।उन्होंने मांग किया कि चमकी बुखार को आपदा घोषित कर बचाव कार्य शरू करे।
ऐपवा के जिला सचिव शनिचरी देवी ने कहा कि सैकड़ो बच्चो की हत्या के जिम्मेदार स्वास्थ मंत्री मंगल पांडे इस्तीफ़ा दे ।
मौके पर राशिदा खातून,रीता साह,मयंक यादव,पंकज पासवान,अनीश कुमार झा,राहुल यादव,अरुण यादव,अमित पासवान, पप्पू यादव,नाशरा खातून सहित दर्जनों लोग उपस्थित थे।