चीन का इतिहास अपने देश के नागरिकों पर अत्याचार का रहा है बता दें कि अब चीन अपने कोरोना संक्रमित और इस बीमारी के संक्रमित नागरिकों को एक छोटे से बाक्सनुमा घरों में रख रहा है वही यह बॉक्स किसी कंटेनर जैसे दिखते हैं और इन बेहद छोटे कंटेनर में ही लकड़ी के बिस्तर और शौचालय लगे हैं. वहीं बड़े से मैदानों में इन कंटेनरों को अगल-बगल रख कर नागरिकों को उसमें डाला जा रहा है.
सोशल मीडिया पर मैदान में रखे इन कंटेनर का वीडियो वायरल है. सोशल मीडिया वीडियो पर गर्भवती महिलाओं और बच्चों को भी रखा गया है.
बता दें कि कैद लोग बेहद परेशान हैं व्यापक रूप से ऑनलाइन साझा किए गए फुटेज में लोगों को लकड़ी के बिस्तर और शौचालय से सुसज्जित छोटे बक्से में दिखाया गया है, जहां उन्हें दो सप्ताह तक रहने के लिए मजबूर किया जाता है इसके अलावा जिन लोगों ने डायस्टोपियन सुविधाओं का अनुभव किया है, उनका कहना है कि ठंडे धातु के बक्से में उनके पास बहुत कम भोजन बचा था.
इतना ही नहीं मिंगदे 8 यिंगली हाउसिंग कंपाउंड के निवासियों को बताया गया कि 1 जनवरी की आधी रात के बाद उन्हें अपने घर छोड़कर क्वारंटाइन सेंटर में प्रवेश करना था. एक प्रत्यक्षदर्शी ने दावा करते हुए कहा कि 30 बसें परिसर में पहुंचीं, जबकि एक अन्य ने कहा कि 1,000 लोगों को स्थानांतरित कर दिया गया.
वही ऑनलाइन देखी गई एक टिप्पणी में कहा गया है: ‘यहाँ कुछ भी नहीं है, बस बुनियादी ज़रूरतें हैं… कोई भी हमारी जाँच करने नहीं आया है, यह किस तरह का संगरोध है? ‘उन्होंने कोई उचित व्यवस्था नहीं की और इसलिए उन्होंने लापरवाही से हमें रखा.’
इसके अलावा फुटेज में दिखाया गया है कि शिविर के बाहर, एक व्यक्ति को महामारी कार्यकर्ताओं द्वारा पीटा गया था, जब वह अपने घर से उबले हुए बन्स खरीदने के लिए निकला था तब यह स्पष्ट नहीं था कि आन्यांग का लॉकडाउन कितने समय तक चलेगा.