बिहार चुनाव में सीएम नीतीश कुमार ने लोगों से कई वादे किए हैं, उन्ही में से एक वादा शराबबंदी के भी है। अब इसी को एलजेपी के चिराग पासवान ने नीतीश कुमार की कड़ी आलोचना की है। चिराग ने इसके लिए एक ट्वीट किया और लिखा कि , ‘शराबबंदी के नाम पर बिहारियों को तस्कर बनाया जा रहा है, बिहार की माताएं-बहने अपनों को तस्कर बनते नहीं देखना चाहती। बिहार के मुख्यमंत्री के संग सभी मंत्रियों को पता है कि बिहारी रोजगार के अभाव में शराब तस्करी की तरफ बढ़ रहा है लेकिन सब के सब को मानो सांप सूंघ लिया है. असम्भव नीतीश.’
वहीं बिहार में अब तक शराबबंदी को लेकर सिर्फ जेडीयू ने अपनी बात जनता के सामने स्पष्ट रूप से रखी है। जेडीयू की माने 2016 में उनका लागू किया गया ये भविष्य में भी ऐसे ही जारी रहेगा। पार्टी के प्रवक्ता अभिषेक झा ने बताया कि शराबबंदी नीतीश कुमार द्वारा लागू किया गया अभूतपूर्व कदम है। पहली बार किसी पिछड़े प्रदेश के मुख्यमंत्री ने इस तरीके की साहस दिखाया और शराबबंदी लागू करने का फैसला किया।
जेडीयू प्रवक्ता का कहना है कि नीतीश कुमार ने ये फैसला बिहार के लोगों का जीवन सुधारने के लिए लिया है। इससे सामाजिक वातावरण बेहतर होगा और शराबबंदी आगे भी प्रदेश में जारी रहेगा। हालांकि, कांग्रेस ने बुधवार को बिहार चुनाव के लिए जारी किए गए मेनिफेस्टो में ये ऐलान किया कि अगर प्रदेश में उनकी सरकार बनती है तो वह शराबबंदी पर समीक्षा करेंगे। बिहार में शराबबंदी की समीक्षा का दाव चलकर कांग्रेस ने उस तबके के वोटरों को साधने की कोशिश की है जो शराबबंदी से काफी नाराज है.