कोरोना महामारी को लेकर प्रतिदिन हो रहे रिसर्च में किसी न किसी तरह की नई बात सामने आती ही है। ऐसे में हाल ही में किए गए रिसर्च के मुताबिक घर के अंदर 6 फीट की दूरी बनाए रखने पर भी हो सकते हैं कोरोना संक्रमित।
सस्टेनेबल सिटीज एंड सोसाइटी नामक पत्रिका में प्रकाशित नतीजे बताते हैं कि केवल शारीरिक दूरी ही संक्रमण को रोकने के लिए पर्याप्त नहीं है बल्कि मास्किंग और वेंटिलेशन जैसी चीजें भी इसके लिए जरूरी है।
इस रिसर्च में की गई जांच के मुताबिक स्पेस के माध्यम से हवा के वेंटिलेशन की मात्रा और दर, विभिन्न वेंटिलेशन रणनीतियों से जुड़े इनडोर एयरफ्लो पैटर्न, सांस लेने बनाम बात करने का एरोसोल एमिसन मोड शामिल है।
शोधकर्ताओं द्वारा की गई स्टडी से पता चला है कि अगर मास्क और वेंटीलेशन नहीं है तो 6 फीट की दूरी पर बैठा इंसान भी संक्रमित हो सकता है। इसके ज्यादा संभावनाएं घर के अंदर बैठे लोगों में होती हैं।
शोधकर्ताओं के अनुसार एयरोसोल्स डिस्प्लेसमेंट वेंटिलेशन वाले कमरों में और अधिक तेज़ी से यात्रा करते हैं, जहां ताजी हवा लगातार फर्श से बहती है और पुरानी हवा को छत के पास एक निकास वेंट में धकेलती है। इस तरह का वेंटिलेशन सिस्टम ज्यादातर घरों में स्थापित है।
स्टडी से दावा किया गया है कि भारत में हाई स्पीड का नेट होने की वजह से सोशल मीडिया पर आए दिन कोरोनावायरस को लेकर कोई न कोई गलत अफवाह फैलाई जा रही है।
कुल 138 देशों में प्रकाशित 9657 गलत जानकारियों को इस अभियान में शामिल किया गया है अलग-अलग देशों में फैलाए जाने वाले गलत सूचना के प्रसार और स्रोतों को समझने के लिए लगभग 94 संगठनों ने इसके तथ्यों की जांच की अध्ययन में कहा गया, ”सभी देशों में से, भारत में सोशल मीडिया पर सबसे अधिक 18.07 प्रतिशत गलत जानकारी दी गई, जिसका कारण शायद देश की उच्च इंटरनेट पहुंच दर, सोशल मीडिया के इस्तेमाल में वृद्धि और उपयोगकर्ताओं में इंटरनेट साक्षरता की कमी है।”
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