दिल्ली में लगातार बढ़ रहे कोरोना के मामलों पर अब दिल्ली हाईकोर्ट भी सख्त हो गया है। हालांकि फौरन लॉकडाउन की मांग वाली जनहित याचिका को दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा कि क्या लॉकडाउन ही एकमात्र हल है?। दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि लॉकडाउन से जुड़े निर्देश नीतिगत फैसले के तहत आते हैं, जो इससे जुड़ी संस्थाएं ही ले सकती हैं।
दरअसल केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के आंकड़ों की मानें तो देश के 10 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 77% नए मामले सामने आए हैं और 76% नई मौतें हुई हैं और दिल्ली इसमें सबसे ऊपर है। दिल्ली में रविवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 6746 नए मामले सामने आए हैं। इसके साथ दिल्ली में कोरोना संक्रमितों की संख्या 5.29 लाख से अधिक हो गई है। वहीं 24 घंटे में कोरोना संक्रमण से 121 मरीजों की मौत की खबर है।
हालांकि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार समेत 4 राज्यों को कोविड के मामलों में बढ़ोतरी को लेकर फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र और असम सरकार से कोरोना कंट्रोल को लेकर लिए गए फैसलों और कदमों का 48 घंटों के अंदर ब्योरा सौंपने को कहा है । सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि दिल्ली में हालात खराब हैं। उधर दिल्ली सरकार ने अपने पक्ष में कहा कि कोविड मरीजों के लिए बेड बढ़ाने के अलावा दूसरे कई इंतजाम किए गए हैं। इसपर सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि दिल्ली सरकार फौरन एक स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करके बताए कि आखिर रोकथाम के लिए क्या क्या काम किए गए।