दिल्ली पुलिस में नए अधिकारी के आने से दहशत का माहौल सा हो गया है। सभी डरे डरे सहमे समय से रहने लगे हैं कि कहीं कोई गलती ना हो जाए। क्योंकि इस नए पुलिस अधिकारी के आने के बाद कई लोगों को निकाला जा चुका है। इस वजह से बाकी के अधिकारी सह में से रहते हैं कि उनसे कोई गलती ना हो जाए।
इस मामले में जानकारी देते हुए दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अभी तक ये परंपरा थी कि कोई गलती होने पर व इलाके में बड़ा अपराध होने पर थानाध्यक्ष को कुछ दिन के लिए लाइन हाजिर कर दिया जाता था। कुछ दिनों बाद उसे फिर से थानाध्यक्ष लगा दिया जाता था। मगर नए पुलिस आयुक्त ‘राकेश अस्थाना’ के कार्यालय में ऐसा नहीं हो रहा है।
यह भी पढ़ें: पाकिस्तान के पूर्व कप्तान शाहिद अफरीदी तालिबान के हक में बात करते हुए नजर आए।
उन्होंने बताया कि इनके राज में गलती के लिए कोई माफी नहीं है। एक बार थानाध्यक्ष को लाइन हाजिर कर दिया गया तो समझो कि उसकी थाने की चौधराहट गई। इन्होंने कुछ ही समय में सात थानाध्यक्षों को या तो निलंबित किया गया है या फिर लाइन हाजिर कर दिया गया है। काफी दिनों से ये थाने खाले पड़े हैं।
इस मसले पर अमर उजाला के एक संवाददाता ने कई थानाध्यक्षों से बात की, उन्होंने कहा कि वह एक डर में नौकरी कर रहे हैं। उन्हें अब लगता है कि पता नहीं कब किस गलती पर उन्हें हटा दिया जाएगा। अब तक सात थानाध्यक्षों को हटा दिया गया है। उन्हें या तो लाइन हाजिर किया गया या फिर निलंबित किया गया है।
वहीं दूसरे थानाध्यक्ष का कहना था कि पहले तो पुलिस आयुक्त दिल्ली कैडर के होते थे। किसी सीनियर पुलिस अधिकारी से जान-पहचान निकाल कर पैरबी लगाकर फिर से थानाध्यक्ष लग जाते थे। मगर अब नए पुलिस आयुक्त दूसरे कैडर के हैं। थानाध्यक्षों को उनकी शिकायत होने का भी डर सता रहा है।