पिछले करीब ढाई महीने से दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसानों के आंदोलन और सरकार के साथ गतिरोध का कोई हल निकलता नहीं दिखाई दे रहा है। हाल ही में दिल्ली में हुई हिंसा और विदेशी हस्तियों के बयानों ने इस पूरे मामले में तल्खी को और बढ़ा दिया है। अब 6 फरवरी यानि कल किसान संगठनों ने देश में चक्का जाम का ऐलान किया है। कल देश के राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों को दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक चक्का जाम की घोषणा की गई है। इस बीच, भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में चक्का जाम नहीं होगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि चक्का जाम का असर दिल्ली में भी नहीं होगा। हालांकि चक्का जाम के दौरान इमरजेंसी और आवश्यक सेवाओं जैसे एम्बुलेंस, स्कूल बस को नहीं रोका जाएगा।
वहीं इस पूरे प्रकरण के बीच आज केंद्रीय कृषि मंत्री ने राज्यसभा में विपक्ष पर जोरदार निशाना साधा। किसान आंदोलन को लेकर कृषि मंत्री ने कहा कि हमने सम्मान के साथ किसानों से 12 बार वार्ता की है। सरकार ने किसानों को एक के बाद एक प्रस्ताव दिए औऱ पूछा कि आखिर इन कानूनों में काला क्या है। लेकिन कानूनों के प्रावधानों को लेकर चर्चा करने को कोई तैयार नहीं हुआ है।
वहीं दूसरी तरफ संयुक्त किसान मोर्चा ने 6 फरवरी के लिए चक्का जाम की घोषणा की है। इसके लिए किसान संगठनों ने पूरी कार्ययोजना तैयार की है। इसे लेकर किसान संगठनों की तरफ से आंदोलनकारियों के लिए कुछ महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश जारी किए हैं। साथ ही किसान संगठनों ने आम जनता से भी सहयोग की अपील की है।
किसान संगठनों ने चक्का जाम को लेकर ये निर्देश दिए गए हैं।
- देशभर में राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों को दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक जाम किया जाएगा।
- इमरजेंसी और आवश्यक सेवाओं जैसे एम्बुलेंस, स्कूल बस को नहीं रोका जाएगा।
- चक्का जाम पूरी तरह से शांतिपूर्ण और अहिंसक रहेगा।
- प्रदर्शनकारी किसी भी अधिकारी, कर्मचारियों या आम नागरिकों के साथ किसी भी टकराव में शामिल ना हों।
- दिल्ली NCR में कोई चक्का जाम नहीं किया जाएगा।
- दिल्ली में प्रवेश करने के लिए सभी सड़कें खुली रहेंगी सिर्फ धरनास्थलों को छोड़कर जहां पहले से ही प्रदर्शन चल रहे हैं।
- तीन बजे एक मिनट तक हॉर्न बजाकर, किसानों की एकता का संकेत दिया जाएगा।
- हम जनता से भी किसानों को समर्थन और एकजुटता जाहिर करने की अपील करते हैं।