आज किसानों और सरकार के बीच पांचवे दौर की वार्ता होने जा रही है। वहीं इससे पहले किसानों की बैठक में तय हुआ है कि अगर बैठक का कोई नतीजा नहीं निकलता तो किसान 8 दिसंबर को भारत बंद करेंगे।एक तरफ आज किसानों और सरकार के बीच पांचवे दौर की वार्ता होने वाली है। देश के सभी किसानों के साथ साथ हर व्यक्ति को इस बात की उम्मीद है कि किसानों की परेशानियां दूर हों जाएं और दिल्ली के बॉर्डर को घेर कर बैठे किसान अपने अपने घरों को लौटें और दिल्ली की परेशानियां भी ख़त्म हों। लेकिन दूसरी तरफ इस वार्ता से पहले ही किसानों ने सरकार को अल्टीमेटम दे दिया है । अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो किसानों का आंदोलन और ज्यादा तेज कर दिया जाएगा । चार दिसंबर को किसान संगठनों की मीटिंग के बाद विरोध प्रदर्शन तेज करने का एलान किया गया।
पांच दिसंबर यानि आज सरकार और किसानों के बीच पांचवे दौर की वार्ता होगी । और आज ही किसान यूनियनों ने सरकार और कार्पोरेट घरानों का पुतला फूंकने का एलान कर दिया है । इसके बाद 7 दिसंबर को किसान आंदोलन के समर्थन में कई जानी मानी हस्तियां अपने अवॉर्ड वापस करेंगी । वहीं आठ तारीख को किसान यूनियनों ने देशव्यापी बंद का एलान किया है
किसानों ने सरकार को चेतावनी दी है अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो दिल्ली मे किसानों की संख्या और बढ़ाई जाएगी । देश भर से किसान दिल्ली पहुंचेंगे। अब सवाल ये उठ रहा है जब सरकार के साथ किसानों की वार्ता चल रही है तो क्या इस तरह का अल्टीमेटम सरकार पर दबाव बनाने की रणनीति है। वैसे इस आंदोलन का रुख समझते हुए अब विपक्षी पार्टियां भी आंदोलन के समर्थन में खुलकर उतर आई हैं। इस बीच किसान आंदोलन का मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है….किसान आंदोलन की वजह से दिल्ली बॉर्डर की कई सड़कें बंद है। जिसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई।
फिलहाल आज की मीटिंग से सभी को उम्मीदें हैं कि किसानों और सरकार के बीच बातचीत से कोई रास्ता निकल आएगा । लेकिन अगर ऐसा नही होता है तो दिल्ली वालों के लिए आने वाले दिन और परेशानी से भरे हो सकते हैं ।