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इस देश में ब्लू जींस पहनने पर दी जाती है सजा, कंप्यूटर खरीदने के लिए भी लेनी पड़ती है मंजूरी।

दुनिया का एक देश ऐसा भी है जहाँ के नागरिकों को अपने हिसाब से जीने का और रहने का हक नहीं है। आमतौर पर हर देश के हर व्यक्ति को अपने मन मुताबिक जीने का पूरा हक होता है परंतु नॉर्थ कोरिया एक ऐसा देश है जहां के लोग अपने मन के मुताबिक कुछ भी नहीं कर सकते। उन्हें सरकार के द्वारा बनाए गए नियमों के अनुसार ही चलना पड़ता है।

नॉर्थ कोरिया के लोगों को सरकार के बनाए नियमों के अनुसार ही चलना पड़ता है इंटरनेट से लेकर पहनावे तक सब कुछ सरकार ही तय करती है लोग अपने मन के हिसाब से अपनी हेयर स्टाइल भी नहीं रख सकते हैं यदि वह ऐसा करते हैं तो उन्हें सजा मिलती है।ऐसे अजीब कानून सुनकर आप दंग रह जाएंगे आइए जानते हैं कैसे कानून बनाए गए हैं नॉर्थ कोरिया में।

जहाँ एक तरफ पूरी दुनिया में साल 2021 चल रहा है, वहीं नॉर्थ कोरिया में साल 110 चल रहा है। ऐसा इसलिए है क्योकि नॉर्थ कोरिया का कैलेंडर इस देश ने पूर्व तानाशाह किम इल-सुंग की जन्मतिथि 15 अप्रैल 1912 पर आधारित है।देखा जाए तो हर 5 साल में नॉर्थ कोरिया में चुनाव होते हैं परंतु वहां के लोगों के पास सिर्फ एक ही विकल्प चुनने का अधिकार होता है।

बात दें कि इस देश के नागरिकों के टीवी पर 15 चैनल ही दिखाए जाते हैं जो कि सरकार द्वारा बनाए गए हैं। यह चैनल सब समाचार के चैनल होते हैं जिस पर उत्तरी कोरिया के समाचार दिखाए जाते हैं।

उत्तरी कोरिया के लोगों को सरकार द्वारा 20-25 तरीके की हेयर स्टाइल बताई गई है अगर उसके अलावा वह अपने मन से कोई हेयर स्टाइल करते हैं तो उन्हें जेल भेज दिया जाता है। यह नियम वहां के राजा पर लागू नहीं होता है।

नॉर्थ कोरिया में अमेरिका का पहनावा वर्जित है जिसकी वजह से वहां के लोग ब्लू जींस नहीं पहन सकते।

नॉर्थ कोरिया में किसी भी तरीके का पूजा पाठ करना वर्जित है वहां के लोगों ने अपने आप को नास्तिक घोषित किया हुआ है जिसकी वजह से वहां पर बाइबिल तक रखने की इजाजत नहीं है यदि किसी को बाइबल या किसी भी तरीके का पूजा पाठ करते हुए देखा जाता है तो उन्हें सजा दी जाती है।

इंटरनेट पर भी सरकार द्वारा दी गई वेबसाइट ही चलाई जा सकती है इसके अलावा कोई दूसरी वेबसाइट नहीं चलाई जा सकती। जिन लोगों के पास खुद के कंप्यूटर हैं उन्हें इंटरनेट फ्री मिलता है। आने की बात तो यह है कि वहां के लोगों को कंप्यूटर खरीदने के लिए भी सरकार से इजाजत लेनी पड़ती है।

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