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भारतीय राजनयिक ने पाकिस्तानी अधिकारी को आईसीजे में सिखाया सबक

सेन्ट्रल डेस्क-  पुलवामा हमले को लेकर भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। इसका असर कुलभूषण जाधव मामले की सुनवाई के दौरान अंतरराष्ट्रीय कोर्ट (आईसीजे) में देखने को मिला। सुनवाई के पहले दिन भारतीय राजनियक ने पाकिस्तानी अधिकारी से हाथ मिलाने से इंकार कर दिया। दरअसल, कोर्ट में सुनवाई से पहले दनों देशों के प्रतिनिधि एक-दूसरे से मिल रहे थे, तभी पाकिस्तान के अटॉर्नी जनरल अनवर मंसूर ख़ान ने भारतीय विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव दीपक मित्तल से हाथ मिलाने के उनकी तरफ हाथ बढ़ाया। इस पर मित्तल ने उन्हें हाथ जोड़कर नमस्ते किया। इतना ही नहीं दीपक के बराबर में बैठे नीदरलैंड में भारत के राजदूत वेणु राजामोनी ने भी मंसूर से हाथ मिलाने से परहेज किया और होथ जोड़कर नमस्ते किया।

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पाक के तदर्थ जज को पड़ा दिल का दौरा

आईसीजे में कुलभूषण मामले की सुनावाई से एक दिन पहले पाकिस्तान के तदर्थ जज को दिल का दौरा पड़ गया, जिसके बाद उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया। फिलहाल उनकी तबीयत स्थिर है। पाकिस्तान की नुमाइंदगी कर रहे अटॉर्नी जनरल अनवर मंसूर खान ने सुनवाई टालने की मांग की, जिसे आईसीजे ने ठुकराते हुए तदर्थ न्यायधीश की गैर मौजूदगी में दलीलें जारी रखने का आदेश दिया।

इन मुद्दों पर होगी बहस

आईसीजे में 21 फरवरी तक चलने वाली इस सुनवाई में दो मुद्दों पर बहस हेगी। पहला, विएना कॉन्वेशन का उल्लंघन और दूसरा, सजा देने के मामले में पाकिस्तान का अधिकार क्षेत्र। कोर्ट दोनों देशों का पक्ष सुनने के बाद अपना अंतिम फैसला सुनाएगा। बता दें कि इस साल की गर्मियों तक आईसीजे जाधव मामले में अपना फैसला सुना देगा।

क्या है मामला?

पाकिस्तान का दावा है कि मार्च 2016 में उसके सुरक्षाबलों ने कुलभूषण जाधव को बलूचिस्तान प्रांत से गिरफ्तार किया था और उन्होंने ईरान के रास्ते अवैध तरीके से पाकिस्तान में प्रवेश किया था। इसके बाद पिछले साल 25 मार्च को पाकिस्तान ने जाधव का एक कथित गोपनीय बयान जारी किया, जिसमें जाधव यह कहते सुने गए कि वे इंडियन नेवी के कार्यरत अधिकारी हैं और गिरफ्तारी के वक्त वे भारतीय खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनलिसिस विंग (रॉ) के लिए काम कर रहे थे। इसके साथ-साथ वे यह कहते भी सुने गए कि वे पाकिस्तान आवाम और वहां के इंफ्रास्ट्रक्चर के खिलाफ जासूसी कर रहे थे।

इस कथित गोपनीय बयान के बाद पाकिस्तान ने जाधव पर आतंकवाद फैलाने, चीन-पाकिस्तान कॉरिडोर और ग्वादर पोर्ट के खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाते हुए पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने 10 अप्रैल 2017 को फांसी की सज़ा सुनाई थी। इस सजा के खिलाफ भारत इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) गया, जहां इस मामले की सुनवाई चल रही है। भारत ने जाधव के खिलाफ आईसीजे में फांसी की सजा को खत्म करने की गुहार लगाई थी। इसके साथ-साथ भारत ने कोर्ट में कहा कि पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव को कॉन्सुलर एक्सेस न देकर विएना कॉन्वेशन का उल्लंघन किया है। इसके जवाब में पाकिस्तान का कहना है कि जाधव को जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है और ऐसे में उन्हें कॉन्सुलर एक्सेस नहीं दिया जा सकता है।

बता दें कि पिछली सुनवाई में आईसीजे ने पाकिस्तान को जाधव के खिलाफ किसी भी प्रकार की कार्रवाई करने से रोक दिया था। कोर्ट का कहना है कि जब तक इस मामले में अंतिम फैसला नहीं आ जाता, तब तक पाकिस्तान जाधव के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करेगा।

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