देश की सीमाओं की रक्षा को लेकर भारत ने एक औऱ बड़ी उपलब्धि हासिल कर ली है। आज भारत ने अंडमान-निकोबार से ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल के लैंड अटैक वर्जन का सफल परीक्षण कर लिया है। सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का की टेस्टिंग सुबह 10 बजे की गई और इसने अपने लक्ष्य को सफलतापूर्वक भेद दिया। इस मिसाइल को डीआरडीओ ने विकसित किया है और भारतीय सेना इसका इस्तेमाल करेगी। इसके साथ ही ब्रह्मोस मिसाइल की स्ट्राइक रेंज अब 400 किमी से ज्यादा हो गई है।
ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल अपनी श्रेणी में दुनिया की सबसे तेज परिचालन प्रणाली है। हाल ही में डीआरडीओ ने मिसाइल की सीमा को 298 किमी से बढ़ाकर लगभग 450 किमी तक पहुंचा दिया ।
खास बात ये कि पिछले दो महीनों में डीआरडीओ शौर्य मिसाइल प्रणाली का परीक्षण करने में सफल रहा है, जो 800 किलोमीटर से ज्यादा की मारक क्षमता रखती है। वहीं पिछले महीने भारतीय नौसेना ने अपने वॉरशिप INS चेन्नई से ब्रह्मोस मिसाइल का परीक्षण किया था। जिसने 400 किलोमीटर की दूरी पर अपने टारगेट को हिट किया था। ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल अब भारत के तीनों सशस्त्र बलों के लिए एक घातक और मारक हथियार बन चुकी है। वहीं अब भारत ने अपनी इस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के एक्सपोर्ट की भी तैयारी कर ली है।
इसके अलावा भारतीय वायु सेना के सुखोई-30 लड़ाकू विमान से भी ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल का परीक्षण किया गया था। इस ऑपरेशन के लिए सुखोई विमान ने पंजाब के हलवारा एयरबेस से उड़ान भरी थी।
दरअसल भारत चीन और पाकिस्तान के साथ सीमा पर तनाव के बीच अपनी ताकत बढ़ा रहा है। क्रूज और बैलेस्टिक मिसाइलों का परीक्षण कर ना सिर्फ सैन्य बलों की ताकत बढ़ाई जा रही है बल्कि दुश्मनों को भी संदेश दिया जा रहा है कि अगल गलत हरकत की तो मुंहतोड़ जवाब मिलेगा।
Indian army and drdo tested brahmos missile land attack version
देश की सीमाओं की रक्षा को लेकर भारत ने एक औऱ बड़ी उपलब्धि हासिल कर ली है। आज भारत ने अंडमान-निकोबार से ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल के लैंड अटैक वर्जन का सफल परीक्षण कर लिया है। सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का की टेस्टिंग सुबह 10 बजे की गई और इसने अपने लक्ष्य को सफलतापूर्वक भेद दिया। इस मिसाइल को डीआरडीओ ने विकसित किया है और भारतीय सेना इसका इस्तेमाल करेगी। इसके साथ ही ब्रह्मोस मिसाइल की स्ट्राइक रेंज अब 400 किमी से ज्यादा हो गई है।
ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल अपनी श्रेणी में दुनिया की सबसे तेज परिचालन प्रणाली है। हाल ही में डीआरडीओ ने मिसाइल की सीमा को 298 किमी से बढ़ाकर लगभग 450 किमी तक पहुंचा दिया गै।
खास बात ये कि पिछले दो महीनों में डीआरडीओ शौर्य मिसाइल प्रणाली का परीक्षण करने में सफल रहा है, जो 800 किलोमीटर से ज्यादा की मारक क्षमता रखती है। वहीं पिछले महीने भारतीय नौसेना ने अपने वॉरशिप INS चेन्नई से ब्रह्मोस मिसाइल का परीक्षण किया था। जिसने 400 किलोमीटर की दूरी पर अपने टारगेट को हिट किया था। ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल अब भारत के तीनों सशस्त्र बलों के लिए एक घातक और मारक हथियार बन चुकी है। वहीं अब भारत ने अपनी इस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के एक्सपोर्ट की भी तैयारी कर ली है।
इसके अलावा भारतीय वायु सेना के सुखोई-30 लड़ाकू विमान से भी ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल का परीक्षण किया गया था। इस ऑपरेशन के लिए सुखोई विमान ने पंजाब के हलवारा एयरबेस से उड़ान भरी थी।
दरअसल भारत चीन और पाकिस्तान के साथ सीमा पर तनाव के बीच अपनी ताकत बढ़ा रहा है। क्रूज और बैलेस्टिक मिसाइलों का परीक्षण कर ना सिर्फ सैन्य बलों की ताकत बढ़ाई जा रही है बल्कि दुश्मनों को भी संदेश दिया जा रहा है कि अगल गलत हरकत की तो मुंहतोड़ जवाब मिलेगा।