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चीन सीमा पर जम्‍मू की फौजी बिटिया और महिला टीम निभा रही पुलों की देखरेख का जिम्‍मा

जम्मू की बेटी सानिया राजपूत इन दिनों अरुणाचल प्रदेश की सरहदी क्षेत्रों में सड़क संपर्क सुचारु करने के एक बड़े मिशन में जुटी है। बता दें कि सोशल मीडिया में वायरल उसके जज्बे से भरी तस्वीरों ने जम्मू-कश्मीर के बच्चों से लेकर युवाओं में जोश भर दिया है। अरुणाचल में चीन सीमा से सटे क्षेत्रों में पुलों की देखरेख और मरम्मत का जिम्मा उसके पास है। सीमावर्ती क्षेत्रों में पुल सेना के आवागमन के लिए अहम होते हैं। वहीं सेना मेंं कैप्टन सानिया की काबिलियत पर माता-पिता गर्व महसूस कर रहे हैं।

बता दे की जम्मू संभाग के रियासी जिले के पौनी के गांव भारख की रहने वाली सेना मेें कैप्टन सानिया हाल ही में अरुणाचल प्रदेश में तैनात हैं। और एक सप्ताह के भीतर उन्हें एक महिला टीम के साथ अपने सेक्टर के किसी एक स्थान पर सिंगल बेली ब्रिज को डी-लान्च करने का चुनौतीपूर्ण कार्य दिया गया। बताया जा रहा है कि भारतीय इतिहास में यह पहली बार था कि महिलाओं की एक टीम इस ऑपरेशन को कर रही थी क्योंकि बेली ब्रिज डी-लॉन्चिंग कोई आसान कार्य नहीं था। पुल के हिस्से भारी थे। उन्हें संभालने के दौरान घायल होने का खतरा भी था। इस महिला दल का नेतृत्‍व कर रही कैप्‍टन सानिया की तस्‍वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं। वह जोश के साथ टीम के साथ मिल पुल के ढांचे को सावधानी से हटाती नजर आ रही है

कैप्टन सानिया की कमान में डी-लॉन्चिंग आपरेशन बिना किसी दुर्घटना के बड़ी सफलता थी। अब तक उन्होंने अपनी महिला टीम के साथ दो बेली ब्रिज को डी-लान्च किया है। जानकारी के मुताबिक सेना में अधिकारी के रूप में सानिया तीसरी पीढ़ी हैं। उनके पिता जगदेव सिंह चिब और माता अंजना ने बेटी को हमेशा प्रेरित किया।

पिता जगदेव सिंह चिब, माता अंजना के मुताबिक सानिया जिस तरह से सेना में कड़ी मेहनत और लगन से कार्य कर रही हैं उससे उन्हें गर्व है। उन्होंने कहा युवा वर्ग को कड़ी मेहनत और लगन से पढ़ाई करने के बाद सेना में भर्ती होने के लिए आगे बढऩा चाहिए, ताकि वे भी सानिया की तरह परिवार और देश का नाम रोशन कर सकें।

बता दे की बैली ब्रिज आपातकालीन स्थिति में बनाए जाते हैं। यह ब्रिज टेंपरेरी बेस पर बनाए गए होते हैं जिन्हें एक से दूसरे स्थान पर स्थानांतरित किया जा सकता है। और आपात स्थिति में यह सेना की मूवमेंट को आसान बना देते हैं। अब टेंपरेरी बेस पर बनाए गए इन पुलों पर लगे सभी उपकरणों को खोल कर दूसरी जगह पर बनाए जाने वाले पुलों में प्रयोग किया जाएगा।

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