नबीला शगुफी की रिपोर्ट
सीबीआई के तत्कालीन डायरेक्टर आलोक वर्मा को हटाने वाली तीन सदस्यीय चयन समिति में मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के प्रतिनिधि के रुप में शामिल जस्टिस एके सीकरी इन दिनों काफी सुर्खियों में हैं। भारत के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के बाद वरिष्ठता क्रम में दूसरे नंबर पर आने वाले जस्टिस एके सीकरी का पूरा करियर दिलचस्प है। उनका नाम देश के लिए कई बड़े फैसले देने के लिए लिया जाता है। वह सुप्रीम कोर्ट के वकील थे जो आज सुप्रीम कोर्ट के दूसरे प्रमुख जज हैं।
जस्टिस अर्जन कुमार सीकरी यानि एके सीकरी का जन्म 7 मार्च 1954 को हुआ।
वह काफी मेधावी छात्र रहे हैं। उन्होंने अपनी पढ़ाई दिल्ली से की है। उनका एकेडमिक रिकॉर्ड काफी अच्छा रहा है। अपनी बारहवीं तक की पढ़ाई उन्होंने सीबीएसई बोर्ड से 12वीं तक की पढ़ाई की है। बारहवीं के मेरिट लिस्ट में उन्होंने तीसरा स्थान पाया। इसके बाद उन्होंने बीए ऑनर्स की डिग्री 1974 में श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से ली। अपने बीए एलएलबी की पढ़ाई 1977 में दिल्ली यूनिवर्सिटी से की। एलएलबी में एके सीकरी को गोल्ड मेडल भी मिला। एके सीकरी ने एलएलएम भी डीयू से ही किया और वे प्रथम स्थान से उत्तीर्ण हुए।
एक वकील के तौर पर उन्होंने अपनी प्रैक्टिस उन्होंने दिल्ली से ही शुरू की। संवैधानिक केस, श्रमिक सेवा के मामलों में उन्हें महारत हासिल की है। कई सरकारी संस्थाओं, बैंकिंग और वित्तीय संस्थाओं और कई प्राइवेट संस्थाओं के सलाहकार के रुप में भी किया।
जस्टिस सिकरी ने एक लेक्चरर के तौर पर भी काम किया है। 1984-89 के दौरान दिल्ली यूनिवर्सिटी के कैपस लॉ सेंटर में पार्ट टाईम लेक्चरर का काम भी किया है।
वह दिल्ली हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के वाइस प्रेसिडेंट भी रहे। 1997 में उन्हें दिल्ली हाईकोर्ट के वरिष्ठ वकील के पद पर नियुक्त किया गया।
जस्टिस सीकरी पहली बार 1999 में दिल्ली हाईकोर्ट के जज बने। और सितंबर 2012 में उन्हें पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस बनाया गया।
जस्टिस एके सीकरी को मैनेजिंग इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी एसोसिएशन(MIPA) द्वारा किए गए सर्वे में दुनिया के 50 बुद्धिमान लोगों में शामिल किया गया। इसके अलावा उन्हें दुनिया के 50 मोस्ट एंफ्लूएंशियल प्रॉपर्टी कैटेगरी में भी शामिल किया गया है।