सेन्ट्रल डेस्क, साहुल पाण्डेय : बीजेपी से निलंबित सांसद कीर्ति झा आजाद आज दिल्ली में कांग्रेस ज्वाइन करेंगे। आज शुक्रवार को वे दोपहर 12 बजे दिल्ली के कांग्रेस आफिस में राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की मौजूदगी में कांग्रेस में शामिल होंगे। इससे पहले आजाद की ओर से एक प्रेस रिलीज जारी की गई जिसमें उन्होंने बताया कि जनता के आदेश पर मैंने कांग्रेस में शामिल होने का फैसला किया है। राहुल गांधी ने मेरे निर्णय को सराहा और कांग्रेस में शामिल होने की स्वीकृति प्रदान दी है।
कीर्ति आजाद ने अपने रिलीज में कहा कि उन्हें एक साजिश के तहत बिना किसी अपराध के बीजेपी से निलंबित कर दिया गया। उन्होंने कहा है कि इसी को लेकर वे पिछले 10 महीनों अपने क्षेत्र के हर गांव घूमे और लोगों से रायशुमारी की. लोगों के सामने अपनी बातें रखीं। उन्होंने कहा कि जतना के निर्देश पर मैंने कांग्रेस में जाने का फैसला किया है।
कीर्ति के आने से महागठबंधन में बढ़ेगा सीटों पर रार
महागठबंधन में भी कीर्ति आजाद के आने के बाद कही न कहीं टकराव की स्थिति बनती दिख रही है। उनके आने से बिहार महागठबंधन में गणित बिगड़ने के कयास लगा रहे हैं। हाल ही में महागठबंधन में वीआईपी पार्टी के प्रमुख सनऑफ मल्लाह मुकेश सहनी ने समर्थन दिया था. वहीं, आरजेडी ने मुकेश सहनी को महागठबंधन में शामिल किया था। जिसके बाद मुकेश सहनी ने अपने गृह क्षेत्र दरभंगा से चुनाव लड़ने का दावा ठोका था।
Good morning I will be joining the @INCIndia at noon today in front of the young energetic president Shri @RahulGandhi followed by press conference at 2:00 p.m. at 24 Akbar Road
मैं आज दिनांक 15 फरवरी के दोपहर 12:00 बजे राहुल गांधी जी के सामने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण करूंगा— Kirti Azad (@KirtiAzaad) February 15, 2019
मुकेश सहनी ने सीटों को लेकर और चुनाव लड़ने के लिए आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव से मिलन के लिए रांची रिम्स भी पहुंचे थे। उन्होंने कहा था कि दरभंगा से चुनाव लड़ने के लिए लालू यादव से आर्शिवाद लेकर आया हूं। लेकिन अब जब किर्ती आजाद कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं ऐसे में कांग्रेस भी इस सीट से अपने इस सीटिंग एमएलए की सीट के लिए दावा कर सकती है। ऐसे में दरभंगा सीट पर चुनाव लड़ने के लिए महागठबंधन में खींचतान होना निश्चित हैं।
कीर्ति आजाद को लेकर बिहार कांग्रेस में भी नेताओं को खतरा महसूस होने लगा है। हालांकि कांग्रेस नेता उनका पार्टी में स्वागत तो कर रहे है लेकिन कीर्ति आजाद के आने के बाद उन्हें अगर पार्टी की बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई तो प्रदेश कांग्रेस में पुराने लोगों में निराशा हो सकती है।