जादू और अंधविश्वास के नाम पर हर रोज किसी ना किसी दर्दनाक हादसे की खबर सामने आती है जिसमें कि अक्सर लोगों की जान चली जाती है, लेकिन फिर भी ना तो भारतीय लोगों का अंधविश्वास खत्म होता है और ना ही जादू टोने से भरोसा और यही वजह है कि कहीं न कहीं भारत के विकास में बाधाएं उत्पन्न होती है।
शेखपुरा प्रखंड के वीरपुर गांव से एक ऐसा ही मामला सामने आया जहां जादू दिखाने के नाम पर शनिवार की सुबह एक युवक की जान चली गई। उस युवक का नाम धीरज रविदास बताया जा रहा है जिसकी उम्र केवल 18 वर्ष थी। बता दें कि जादूगर ने जादू दिखाने के नाम पर धीरज को 12 घंटों के लिए जमीन में गाड़ दिया और उसके जिंदा बाहर निकलने का दावा किया लेकिन 12 घंटे बाद जब गड्ढा खोदकर उसे निकाला गया तो उसकी मौत हो चुकी थी। इस घटना से पूरे परिवार में कोहराम मचा हुआ है।
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जानकारी के मुताबिक मृतक युवक के परिवार की रोजी-रोटी इसी जादू के खेल से चलता है। मृतक युवक धीरज खुद भी एक जादूगर था। शुक्रवार की रात वह मधेपुर गांव में अपने साथियों के साथ खेल तमाशा दिखा रहा था। खेल दिखाने वाले समूह में उसके परिवार के लोग ही थे जब जादू दिखाने के दौरान उन्होंने अपने ही घर के सदस्य को 12 घंटों के लिए जमीन के अंदर गाड़ दिया, लेकिन जब अगले दिन गड्ढा खोदा गया तो उस युवक की मौत हो चुकी थी।
इस घटना की सूचना बरबीघा थाना के प्रभारी थाना अध्यक्ष को हुई जिसके बाद वे घटनास्थल पर अपनी टीम के साथ पहुंचे और शव को अपने कब्जे में लेने की कोशिश की, लेकिन मृतक के परिवार वालों ने और स्थानीय मुखिया ने इसका विरोध जताया जिस पर पुलिस को बिना शव के ही लौटना पड़ा। इस घटना के मामले में थाने में किसी तरह की कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई गई है। घटनास्थल पर मौजूद लोगों ने बताया कि इसी तरह के जादू का खेल दिखा कर मृतक युवक के परिवार वालों का पेट चलता है और लोगों का मनोरंजन होता है।
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