मिथिला की सांस्कृतिक विरासत, मिथिला पेंटिग के संबर्द्धन की कवायद प्रारंभ हो गई है। जिला पदाधिकारी, दरभंगा डॉ. त्यागराजन एस.एम. ने इसी सिलसिले में आज पूर्वाह्न 10ः30 बजे रामनन्दन मिश्र बालिका उच्च विद्यालय, लहेरियासराय में ‘‘किलकारी’’ कार्यक्रम में भाग लिये। उन्होंने कहा कि विश्व प्रतिष्ठित मिथिला पेंटिग को और समृद्ध एवं संवर्द्धन किया जायेगा।
मिथिला पेंटिग के बारे में यह मान्यता है कि इस कला की शुरूआत महाराज जनक ने की थी। मिथिला पेंटिग बिहार के दरभंगा, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, सहरसा एवं नेपाल के कुछ क्षेत्रों की प्रमुख चित्रकला है। प्रारंभ में फर्श एवं दीवारों पर रंगोली के रूप में बनाये जाने के बाद इस कला का उतरोत्तर विकास होता गया। धीरे-धीरे यह कला आधुनिक रूप में कागज, कपड़े, दीवार पर भी उतारी जा रही है। मिथिला पेंटिग के कलाकारों ने मधुबनी रेलवे स्टेशन के दीवारों पर लगभग 10,000 वर्ग फीट में पेंटिग करके अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्धि प्राप्त की है।
उन्होंने कहा कि मिथिला पेंटिग कला को सिखाने के लिए एक सुसज्जित भवन का निर्माण किया जायेगा। इस भवन का नाम किलकारी भवन होगा। इस भवन के निर्माण हेतु कुल 22 बीघा सरकारी जमीन चिन्ह्ति कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि किलकारी भवन का निर्माण, बिहार शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकास निगम द्वारा किया जायेगा। कार्यपालक अभियंता, बिहार शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकास निगम को किलकारी भवन का डी.पी.आर. तैयार करने हेतु निदेशित किया गया है।
जिलाधिकारी ने बताया कि किलकारी भवन में छात्र/छात्राओं को मिथिला पेंटिग की शिक्षा दी जायेगी। इस संस्थान के मूर्त रूप लेने से रोजगार के अवसर भी बढ़ेगे। इस संस्थान में आर्ट टीचर की नियुक्ति होगी। मानव संसाधन विकास विभाग के अन्तर्गत यह संस्थान कार्य करेगा। छात्र/छात्राओं को सामान्य पाठ्यक्रम के अलावा Extra curricular activities के रूप में मिथिला पेंटिग की शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा।
उन्होंने आशा व्यक्त किया कि मिथिला पेंटिग के कलाकारों की पहचान स्थापित करने में इस संस्थान की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।
दरभंगा से वरुण ठाकुर