बिहार विधानसभा चुनाव का पहला चरण जैसे जैसे आगे बढ़ रहा है वैसे वैसे नाराजगियों और नए रिश्तों के जुड़ने और पुराने रिश्तों के टूटने की घटनाएं सामने आ रही हैं। ऐसी ही एक औऱ बड़ी खबर बिहार की सियासत से आ रही है। जनता दल यूनाइटेड को एक बड़ा झटका लगा है। पार्टी के बाहुबली नेता और लालगंज से विधायक मुन्ना शुक्ला ने जेडीयू से अपना नाता तोड़ लिया है। खबरों के मुताबिक मुन्ना शुक्ला टिकट नहीं मिलने से नाराज थे औऱ पार्टी से अपना इस्तीफा दे चुके हैं।
जानकारी के मुताबिक मुन्ना शुक्ला की सीट जेडीयू के बजाय बीजेपी के खाते में चली गई। जिसकी वजह से उनका टिकट कट गया। अब खबरें है कि मुन्ना शुक्ला ने लालगंज सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने का पूरा मन बना लिया है।और मुन्ना शुक्ला 12 अक्टूबर को अपना नामांकन दाखिल कर सकते हैं।
वहीं जेडीयू से नाता तोड़ने के बाद मुन्ना शुक्ला ने पार्टी के मुखिया नीतीश कुमार पर कई आरोप लगाए । मुन्ना शुक्ला ने कहा कि उनके साथ धोखा किया गया है। उन्होंने कहा कि जब नीतीश कुमार 7 दिन के लिए मुख्यमंत्री बने थे, तब से लेकर उन्होंने नीतीश कुमार का साथ नहीं छोड़ा है। लेकिन नीतीश कुमार ने उनके साथ धोखा किया है।
दरअसल हाल ही में जेडीयू ने बिहार विधानसभा चुनाव के लिए अपनी सभी 115 सीटों पर लड़ने वाले उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की थी। इस दौरान ऐलान किया गया था कि जेडीयू 115 सीट और जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा छह सीटों पर चुनाव लड़ेगी। बाकी सीटों पर गठबंधन की साथी बीजेपी को हिस्सेदारी मिली है। खास बात ये कि नीतीश कुमार की पार्टी की इस लिस्ट में मुन्ना शुक्ला का नाम नहीं था। जिसके बाद ये नाराजगी पनपी और उन्होंने अपना रास्ता नीतीश कुमार से अलग कर लिया। तय है कि मुन्ना शुक्ला के निर्दलीय लड़ने की वजह से अब लालगंज सीट के समीकरण ना सिर्फ बदल जाएंगे बल्कि एनडीए के लिए ये सीट जीतना खासा मुश्किल साबित हो सकता है।