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देश के वीर जवानों को सच्ची श्रद्धांजली के रुप में नेशनल वार मेमोरियल की भेंट

देश के वीर जवानों को सच्ची श्रद्धांजली आज देश के प्रधानमंत्री नेरन्द्र मोदी देंगे। अजादी के बाद पहले से ही देश में वीर जवानों के लिए एक नेशनल वार मेमोरियल की मांग चल रही थी जो आज पूरी हो जाएगी। प्रधानमंत्री मोदी देश के पहले वार मेमोरियल का उद्घाटन करेंगे। उद्घाटन के बाद इस मेमोरियल को आम लोगों के लिए खोल दिया जाएगा।

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आजादी के बाद शहीद जवानों की याद में बना है मेमोरियल

आजादी के तुरंत बाद देश ने कई जंगें लड़ी जिनमें देश के जवानों ने देश की रक्षा के लिए अपना लहु बहाया। 1962, 67,71 और 1999 की जंगो की कहानियां आज भी भारत के बच्चों के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं। आजादी के बाद देश के वीर जवानों ने देश से लेकर विदेशी धरती पर कई ऑपरेशनों को अंजाम दिया। वहीं आजादी के बाद से ही देश की सेना को सीमा पर छद्म युद्ध करने पड़ रहे हैं। इनमें सेना के कई जवानों की जाने सीमा की सुरक्षा करते हुए चलीं गई। उन सभी जवानों की याद में आज दिल्ली में देश का पहला वार मेमोरियल बन कर तैयार है।

1961 में हुई थी मेमोरियल बनाने की चर्चा

देश की सेना को समर्पित राष्ट्रीय स्तर पर कोई भी मेमोरियल आज तक नहीं है। 1961 में ही देश में एक राष्ट्रीय समर स्मारक यानि वार मेमोरियल बनाने को लेकर चर्चा हुई थी। वहीं 2015 में कैबिनेट से इसे अप्रुवल मिला। आपको बता दें कि इंडिया गेट के सी—हेक्सागन पर देश का पहला वॉर मेमोरियल बनकर तैयार है। यह करीब 40 एकड़ की जमीन पर बना है। यह पहला ऐसा मेमोरियल होगा जहां देश की तीनों सेनाओं जल,थल और वायु के जवानों के नाम एक ही छात के नीचे होंगे। आपको बता दें कि इंडिया गेट को अंग्रेजों ने पहले विश्व युद्ध के दौरान मारे गए करीब 84000 भारतीय सैनिको की याद में बनाया था। वहीं यहां 1971 की जंग में मोर गए जवानों की याद में यहां अमर जवान ज्योति की स्थापना की गई।


भारत के पहले वॉर मेमोरियल में ये होंगी खास बातें

भारत के पहले वॉर मेमोरियल में चार लेयर बनाई गई है। यानी चार चक्र। सबसे अंदर अमर चक्र है। यह 15.5 मीटर उंचा स्मारत स्तंथ हैं। इसमे अमर ज्योति जलेगी। वहीं इसके आलावा दूसरा चक्र है वीर चक्र है। वहीं तीसरा चक्र त्याग चक्र और चौथे चक्र का नाम रक्षा चक्र है। त्याग और रक्षा चक्र 6 ईट के दीवारों से बना है। हर एक दिवार पर सैनिकों के नाम आईडी और उनके रेजिमेंट के नाम अंकित होंगे। इस वार मेंमोरियल में करीब 2700 सैनिकों के नाम अंकित किए गए है। जो 1.5 मीटर लंबी दीवारों पर अंकित किए गए है। वहीं सुरक्षा चक्र में 695 पेड़ हैं जो उन सैनिकों को दर्शाते है जो देश की रक्षा में तैनात है।

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राज खुला रहेगा वॉर मेमोरियल, एंट्री होगी फ्री

उद्घाटन के बाद मेमोरियल सप्ताह में सातों दिन खुला रहेगा। वहीं इसमें आम लोगों की एंट्री फ्री रहेगी। यह मेमोरियल सुबह 9 बजे से लेकर शाम 6 बजेतक खुला रहेगा। वहीं यहां हर रोज फुल चढ़ाने की सेरेमनी और सुर्यास्त के ठीक पहले रीट्रीट सेरेमनी होगी। ये मेमोरियल अप्रैल से लेकर अक्टूबर तक सुबह 9 बजे से लेकर शाम शाम साढ़े 7 बजे तक खुलेगा। बता दें कि यहां एक बार में 200 से 250 लोगों को ही एंट्री दी जा सकेगी। वहीं इस मेमोरियल के लिए मोबाइल एप भी लांच किया जाएगा जिसमे आप यह सर्च कर सकते हैं कि शहीदों के नाम स्मारक में कहां दर्ज है। वहीं हेल्प डेस्क भी बनाया गया है जहां आप 011—23388553 पर कॉल करके सुबह 8 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक आप कॉल कर सकते है।

यह भी देखें

https://www.youtube.com/watch?v=ELdmB581NMs

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