सेंट्रल डेस्क, साहुल पाण्डेय। आज बिहार में जहां पूरा प्रशासन जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के के पटना आगमन में लगा है तो वहीं दूसरी ओर देश के लिए अपनी जान कुर्बान करने वाले सीआरपीएफ जवान पिंटू का शव भी आज पटना पहूंचा है। वीवीआईपी कल्चर को खत्म करने की बात करने वाली सरकार के पास देश के इस वीर जवान के लिए समय भी नहीं है। पटना में आयोजित हो रही पीएम मोदी की संकल्प रैली के आगे जैसे शहीद पिंटू की शहादत फिकी पड़ गई है।
जम्मू कश्मीर में शहीद हुए सीआरपीएफ के इन्सपेक्टर पिंटू सिंह का पार्थिव शरीर थोड़ी देर पहले हीं पटना एयरपोर्ट पर पहुंचा है। लेकिन जैसा की प्रोटोकॉल है उसके वीपरीत यहां सरकार का कोई मंत्री तक नहीं दिखा है। खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी मोदी भी नहीं पहुंचे है। शहीद के श्रद्धांजलि समारोह के दौरान न तो जदयू को काई नेता दिखा न ही बीजेपी क कोई नेता। अधिकारियों की बात करें तो पटना प्रशासन को छोड़ कर पुलिस मुख्यालय का कोई भी अधिकारी भी इस मौके पर नहीं मौजूद दिखा। पिंटू के शव को लेने उनके भाई—बहन और भाभी पटना एयरपोर्ट पहुंचे थे।
हंदवाड़ा में आतंकियों से लोहा लेते शहीद हुए बेगूसराय के लाल पिंटू
जानकारी के अनुसार, शुक्रवार की शाम करीब 7 बजे उत्तरी कश्मीर के बाबूगुंड हंदवाड़ा में सीआरपीएफ और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई। इस मुठभेड़ में 5 जवान शहीद हो गए। जिनमें से एक बिहार के बेगूसराय के बखरी प्रखंड के राटन पंचायत अंतर्गत बगरस ध्यानचक्की गांव निवासी स्व चक्रधर प्रसाद सिंह के सबसे छोटे बेटे पिंटू कुमार सिंह भी थे।
सीआरपीएफ में इंस्पेक्टर पिंटू कुमार सिंह की शहादत की खबर शुक्रवार की शाम ही फेसबुक पर गांव वालों ने देख ली थी। लेकिन कंट्रोल रूम से इसकी पुष्टि नहीं हो रही थी। जब परिजनों ने कंट्रोल रूम को फोन किया तो पता चला कि 5 जवान शहीद हुए हैं, लेकिन अबतक उनकी सूची सामने नहीं आई है। बेचैन परिवार बीतते समय के साथ परेशान था। तभी रात 2:00 बजे कंट्रोल रूम ने बताया कि आपके बेटे पिंटू कुमार सिंह ने आतंकियों से लड़ते हुए देश के लिए अपनी जान न्यौछावर कर दी है।