कर्ज के बोझ तला पाकिस्तान फिजूलखर्ची से बाज नहीं आ रहा है. बता दे की अब भारत-पाकिस्तान को जोड़ने वाले अटारी-वाघा बॉर्डर से महज 28 किलोमीटर दूर रावी नदी के किनारे पर पड़ोसी देश की सरकार एक मेगा सिटी बसाने का प्लान बना रही है. और इसे पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान का ड्रीम प्रोजेक्ट बताया जा रहा है.जानकारी के मुताबिक ये ग्रीन सिटी होगी, जो पॉल्यूटेड हो चुकी रावी नदी को भी बचाने का काम करेगी. हालांकि, अब यह प्रोजेक्ट खतरे में पड़ता नज़र आ रहा है. पाकिस्तानी जनता ने इसे फिजूलखर्ची बताते हुए इसका विरोध शुरू कर दिया है.
आपको बता दें कि लाहौर हाईकोर्ट पिछले साल ही इसे रोकने के आदेश दे चुका है.खबरों के मुताबिक, करीब 46 स्क्वॉयर किलोमीटर एरिया में बनने वाले इस रावी मेगा सिटी प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए 15 साल का लक्ष्य तय किया है. जिसके लिए रावी अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी भी बना लिया गया है. रूडा के CEO इमरान अमीनक के बताया , मेगा सिटी के लिए रावी नदी से नहरें निकाली जाएंगी.
वही वाघा बॉर्डर से महज 28 किलोमीटर की दूरी पर पाकिस्तान का महत्वाकांक्षी रावी मेगा सिटी प्रोजेक्ट के किसानों के विरोध के कारण ठंडे बस्ते में जाने की आशंका बन गई है. प्रधानमंत्री इमरान खान लगभग 52 हजार करोड़ रुपए के रावी सिटी प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने में जुटे हैं, लेकिन इस सिटी का जबरदस्त विरोध हो रहा है. दरअसल, रावी नदी में लाहौर शहर का सीवरेज भी गिरता है. जिसके कारण रावी में प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ गया है. ऐसे में रावी ग्रीन सिटी के लिए प्रदूषण के स्तर में कमी लानी पड़ेगी, जो अभी नजर नहीं आ रही है.
बता दे की कई किसानों ने प्रोजेक्ट के विरोध में लाहौर हाई कोर्ट में याचिका भी दायर की है. लाहौर हाईकोर्ट ने पिछले साल रावी मेगा सिटी प्रोजेक्ट पर रोक के आदेश दिए थे. फिलहाल इसके बाद से मौके पर काम नहीं चल रहा है. किसानों के मुताबिक यदि हाईकोर्ट से उनको राहत नहीं मिलती है तो वे सुप्रीम कोर्ट का रुख करेंगे.