आज देश को और लाहौल स्पीति के लोगों को बड़ी सौगात भारत सरकार की तरफ से मिली है। सामरिक रूप से बेहद अहम और सभी मौसम में खुली रहने वाली अटल सुरंग का पीएम नरेंद्र मोदी ने आज रोहतांग में उद्घाटन कर दिया है। पीएम मोदी ने अटल सुरंग का लोकार्पण किया और फिर पूरी सुरंग के निर्माण को लेकर प्रक्रिया की अधिकारियों से जानकारी ली और हर पहलू को जाना। इसके बाद पीएम मोदी सुरंग के जरिए लाहौल-स्पीति जिले की लाहौल घाटी में उसके उत्तरी पोर्टल तक भी गए।
अब भारी बर्फबारी के मौसम में भी मनाली से लाहौल स्पीति का सफर काफी आसान रहेगा। आज दुनिया में सबसे लंबी राजमार्ग सुरंग अटल सुरंग का पीएम मोदी ने रोहतांग में उद्धाटन कर दिया है। दरअसल इस सुरंग के निर्माण का फैसला अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने लिया था। और इसकी आधारशिला 26 मई 2002 को रखी गई थी। मोदी सरकार ने दिसंबर 2019 में पूर्व प्रधानमंत्री के सम्मान में सुरंग का नाम अटल सुरंग रखने का फैसला किया था।
सुरंग के उद्घाटन के मौके पर पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि आज सिर्फ अटल जी का ही सपना नहीं पूरा हुआ है बल्कि आज हिमाचल प्रदेश के करोड़ों लोगों का भी दशकों पुराना इंतजार खत्म हुआ है। इस टनल से मनाली और केलॉन्ग के बीच की दूरी 3-4 घंटे कम हो ही जाएगी। पहाड़ के मेरे भाई-बहन समझ सकते हैं कि पहाड़ पर 3-4 घंटे की दूरी कम होने का मतलब क्या होता है:
वहीं अटल टनल भारतीय सेना को सामरिक रूप से मजबूती भी देगी। नौ किलोमीटर लंबी अटल टनल के जरिए अब लेह-लद्दाख में सीमा के इलाकों तक पहुंचने के लिए 46 किलोमीटर सफर कम होगा। टनल भारतीय सेना को सामरिक रुप से मजबूती भी प्रदान करेगी। बर्फबारी के दौरान भी सैन्य सामान बॉर्डर तक पहुंचाना भी आसान होगा।
अटल टनल की खासियत जानिए—-
46 किलोमीटर कम हुई मनाली और लेह की दूरी
हर मौसम में लाहौल स्पीति, लेह-लद्दाख के बीच रहेगा संपर्क
सुरंग में हर 60 मीटर पर एक फायर सेफ्टी उपकरण
सुरंग में हर 150 मीटर पर टेलीफोन उपलब्ध
सुरंग में हर 250 मीटर पर सीसीटीवी कैमरा
हर 500 मीटर पर आपातकालीन निकास सुविधा
हर एक किलोमीटर में एयर क्वालिटी चेकिंग सिस्टम
हर 2.2 किलोमीटर की दूरी पर मोड़
ये 10.5-मीटर चौड़ी सिंगल ट्यूब टू-लेन टनल है
80 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चल सकेंगे वाहन
हर दिन तीन हजार वाहन गुजरने की क्षमता
भारी वाहन भी आसानी से गुजर सकेंगे
3500 करोड़ रुपये की लागत से तैयार
10,000 फुट की ऊंचाई पर स्थित है सुरंग
बौद्ध शैली में बनाया गया है प्रवेश द्वार
मनाली की ओर कुल्लवी शैली में द्वार
लाहुल की ओर बौद्ध शैली में द्वार बनाए गए