सेंट्रल डेस्क – Simran Gupta :- जामिया के बाद दिल्ली का उत्तर पूर्वी इलाका मंगलवार दोपहर को सुलग उठा। सीलमपुर और जाफराबाद इलाके में दोपहर कोनागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ प्रदर्शन के लिए एकत्रित हुई भीड़ उग्र हो गई और देखते ही देखते प्रदर्शन हिंसा में तब्दील होगया। नकाबपोश प्रदर्शनकारियों ने डीटीसी की कलस्टर बस और दिल्ली पुलिस के वज्र वाहन की तोड़फोड़ की है। वहीं दो दर्जन सेज्यादा निजी वाहनों को आग के हवाले कर दिया। इस घटना में थाना सीलमपुर इलाके के एक पुलिस बूथ में भी आग लगा दी। हालांकिबुधवार को हालात सामान्य हो गए हैं और सभी मेट्रो स्टेशन खोल दिए गए हैं। वहीं दिल्ली से नोएडा आने जाने वाले कुछ रास्ते तीसरे दिनभी बंद हैं जिसके चलते यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। दूसरी तरफ दिल्ली के शाही इमाम का भी बयान आया है।
आप के छात्र नेता और कांग्रेस के पूर्व विधायक का नाम भी एफआईआर में शामिल
दिल्ली पुलिस ने रविवार को जामिया के साथ ही न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में हुई हिंसा में पर एफआईआर दर्ज कर ली है। इसमें कई नेताओंके नाम शामिल हैं। आप की छात्र की इकाई और आईसा के सदस्या का भी नाम शामिल है। इनमें आप के छात्र नेता कासिम उस्मानीऔर कांग्रेस के पूर्व विधायक आसिफ खान के नाम प्रमुख हैं।
उत्तर–पूर्वी दिल्ली में धारा-144 लागू
दिल्ली पुलिस के संयुक्त कमिश्नर ने कहा है कि उत्तर–पूर्वी जिले में सीआरपीसी की धारा-144 लागू कर दी गई है। इसके तहत किसीभी सार्वजिनक स्थान पर चार से ज्यादा लोग इकट्ठा नहीं हो सकते, कोई प्रदर्शन नहीं कर सकते।
छह गिरफ्तार, अन्य की तलाश जारी
दिल्ली पुलिस ने सीलमपुर हिंसा मामले में छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इसके साथ ही पुलिस कई जगहों पर छापेमारी करउन लोगों की तलाश कर रही है जिनकी पहचान की जा चुकी है।
दो एफआईआर दर्ज
दिल्ली पुलिस ने जाफराबाद में हुई हिंसा के संबंध में आईपीसी की धाराओं के तहत दंगा भड़काने और पब्लिक संपत्ति बर्बाद करने केआरोप में दो एफआईआर दर्ज की हैं। अब तक पांच लोगों को हिरासत में लिया गया है जिनके आपराधिक पृष्ठभूमि की जांच चल रहीहै। एक एफआईआर बृजपुरी में पत्थरबाजी के लिए भी की गई है।
CAA से भारतीय मुस्लिमों का कुछ लेना–देना नहीं है– बुखारी
सैयद अहमद बुखारी ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून के तहत मुस्लिम शरणार्थी जो पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश सेभारत आएंगे उन्हें भारतीय नागरिकता नहीं मिलेगी। इसका उन मुसलमानों से कुछ लेना–देना नहीं है जो भारत में रह रहे हैं।