पहाड़ी राज्य उत्तराखंड में बड़ी सियासी तबदीली देखने को मिली है। उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री की घोषणा हो गई है। त्रिवेन्द्र सिंह रावत की जगह अब राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रचारक रहे और बीजेपी के वरिष्ठ नेता तीरथ सिंह रावत को पार्टी ने राज्य की कमान सौंप दी है। हालांकि इससे पहले धन सिंह रावत, सतपाल महाराज, अजय भट्ट और केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के नाम पर भी कयास लगाए जा रहे थे। लेकिन पार्टी के विधायक दल की बैठक में तीरथ सिंह रावत को सीएम पद की कुर्सी सौंप दी गयी है।
वहीं नई जिम्मेदारी को लेकर तीरथ सिंघबरावत ने कहा कि मैं केंद्रीय नेतृत्व का धन्यवाद करना चाहूंगा जिन्होंने मुझे ये पदभार दिया। मैं गांव से आया हुआ एक छोटा सा कार्यकर्ता हूं, मैंने कभी कल्पना नहीं की थी। जनता के विश्वास पर खरा उतरने की पूरी कोशिश करेंगे, मुख्यमंत्री जी ने प्रदेश के लिए जो काम किए हैं उसे आगे बढ़ाएंगे।
बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व शिक्षा मंत्री तीरथ सिंह रावत वर्ष 1983 से लेकर 1988 राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रचारक रहे हैं। उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के उत्तराखंड के संगठन मंत्री का काम भी संभाल है। इसी संगठन में उन्होंने राष्ट्रीय मंत्री की जिम्मेवारी भी निभाई है। तीरथ सिंह रावत हेमवती नंदन गढ़वाल विश्वविद्यालय में छात्र संघ के अध्यक्ष रह चुके हैं।
तीरथ सिंह रावत 1997 में उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य निर्वाचित हुए थे। उन्हें विधान परिषद में विनिश्चय संकलन समिति का अध्यक्ष बनाया गया। रावत उत्तराखण्ड के पहले शिक्षा मंत्री भी रह चुके हैं। तीरथ सिंह को 2007 में भारतीय जनता पार्टी उत्तराखण्ड का प्रदेश महामंत्री बनाया गया था। इसके बाद वे प्रदेश चुनाव अधिकारी और प्रदेश सदस्यता प्रमुख भी रहे हैं।
विधानसभा चुनावों से ठीक पहले उत्तराखंड में बीजेपी ने बड़ा बदलाव किया है। एक तरफ कांग्रेस इस मुद्दे को भुनाने की जुगत में है तो दूसरी तरफ बीजेपी इसे पार्टी की नीति बताकर डैमेज कंट्रोल कर रही है। चुनावों पर इसका क्या असर होगा ये देखने वाली बात होगी।