बिहार विधानसभा चुनाव में जनादेश साफ हो चुका है औऱ सातवीं बार नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठ चुके हैं। 17वीं बिहार विधानसभा का पहला सत्र आज से शुरू हो चुका है और नए सदस्यों को शपथ दिलाने का काम भी चल रहा है। आज सभी दलों के कई सदस्यों ने विधानसभा की सदस्यता की शपथ ली। वहीं वार-पलटवार का दौर अभी भी नहीं थमा है। दरअसल आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने एक बार फिर सीएम नीतीश कुमार पर निशाना साधा है। इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री को भ्रष्टाचार का भीष्म पितामह तक कह दिया। जिससे साफ दिखाई दे रहा है कि ये विवाद अभी लंबा चलने वाला है।
तेजस्वी ने नीतीश कुमार पर हमला करते हुए उन्हें ना सिर्फ भ्रष्टाचार का भीष्म पितामह कहा बल्कि इसके साथ उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने चोर दरवाजे से एक बार फिर सरकार बनाने में कामयाबी हासिल कर ली है। वो भ्रष्टाचार के भीष्म पितामह इसलिए हैं क्योंकि जितने भी गुनहगार हैं और भ्रष्टाचारी हैं, उन्हें संरक्षण देना और बचाव करना उनकी पुरानी फ़ितरत रही है। तेजस्वी यहीं नहीं रुके, उन्होंने कहा कि नीतीश ने पहले भ्रष्टाचारी डॉक्टर मेवालाल चौधरी को शिक्षा मंत्री बनाया और मामले के तूल पकड़ने के बाद उन्हें हटा दिया गया। अब नए शिक्षा मंत्री को लेकर चल रहे विवाद पर मुख्यमंत्री चुप्पी साधे बैठे हैं।
इसके अलावा तेजस्वी यादव ने कहा कि इस वक्त बिहार में तीसरे नंबर की पार्टी का नेता मुख्यमंत्री पद पर काबिज है और ऐसा देश में शायद ही ऐसा पहले कभी हुआ होगा। आरजेडी आज बिहार की सबसे बड़ी पार्टी है लेकिन स्थिति अलग है। दरअसल बिहार विधानसभा के चुनाव में एनडीए गठबंधन को 125 सीटें हासिल हुई हैं। जबकि विपक्षी महागठबंधन 110 सीटों पर जीत हासिल करने में कामयाब रहा। वहीं जेडीयू इस बार काफी नुकसान झेलते हुए सिर्फ 43 सीटों पर सिमट चुकी है लेकिन बीजेपी के साथ की वजह से नीतीश कुमार एक बार फिर सत्ता पर काबिज होने में कामयाब रहे हैं।