गोरखपुर की कोई भी विधानसभा सीट भारतीय जनता पार्टी सहयोगी दलों को देने के लिए तैयार नहीं है।बता दें कि पार्टी नेतृत्व का मानना है कि गोरखपुर की आठ सीटें भाजपा के पास हैं।ज्यादातर विधायकों का कामकाज अच्छा है।ऐसे में सीट देने पर नुकसान उठाना पड़ सकता है।
आपको बता दें कि विधानसभा चुनाव में भाजपा का निषाद पार्टी से गठबंधन है।वहीं निषाद पार्टी ने गोरखपुर ग्रामीण विधानसभा सीट पर दावेदीरी की है और यह सीट अभी भाजपा के पास है।विपिन सिंह विधायक हैं।निषाद पार्टी की मंशा है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ संजय निषाद के बेटे और प्रदेश प्रभारी सरवन निषाद को गोरखपुर ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ाया जाए।
भाजपा नेतृत्व के अनुसार डॉ संजय निषाद एमएलसी हैं और उनके बड़े बेटे प्रवीण निषाद संतकबीरनगर से भाजपा से सांसद हैं।ऐसे में सरवन निषाद को गोरखपुर से चुनाव लड़ाने का संदेश गलत जाएगा।ऐसे में परिवारवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगेगा।इसी मुद्दे को लेकर सपा, बसपा और कांग्रेस को लगातार घेरा जा रहा है।अगर ऐसा हुआ तो विपक्ष को भी मौका मिलेगा।हालांकि गोरखपुर ग्रामीण सीट निषाद पार्टी को नहीं दी जा सकती है।फिलहाल इस मुद्दे पर बातचीत अभी जारी है।