आगामी विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा में मचीभगदड़ के चलते पार्टी के सहयोगियों को बड़ा अवसर मिल रहा है।बता दें कि राज्य में भाजपा के दोनों सहयोगी दो-दो दर्जन सीट पर अड़ गए हैं।वैसे तो तीन दौर की बैठक के बाद सहयोगियों से हर कीमत पर साधने में जुटी भाजपा अपना दल को 18 तो निषाद पार्टी को 14 सीटें देने के लिए तैयार है।
आपको बता दें कि भाजपा की अपना दल के नेताओं के साथ गुरूवार रात तक तीन दौर की बातचीत हुई है।जिसमे भाजपा की तरफ से बातचीत की अगुवाई प्रदेश के चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान तथा संगठन मंत्री सुनीलबंसल कर रहे हैं।वहीं इसके अलावा एक बैठक डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और स्वतंत्र देव की उपस्थिति में हुई है।
गौरतलब है कि अब तक इन बैठकों में गृह मंत्री अमित शाह शामिल नहीं हुए हैं।सूत्रों के अनुसार अपना दल नेताओं की जल्द ही अमित शाह और प्रधान के साथ अंतिम दौर की बैठक होगी।वहीं गैर यादव ओबीसी नेताओं के एक-एक कर पार्टी छोड़ने से भाजपा के पास दोनों सहयोगियों के मनाने के अलावा कोई रास्ता नहीं है।बता दें कि पार्टी के दोनों सहयोगी गैर यादव ओबीसी जातियों का ही प्रतिनिधित्व करते हैं।ऐसे में इन सहयोगियों को साधे रखने के अलावा कोई रास्ता नहीं है।
बताया जा रहा है कि अगर इन सहयोगियों में से एक ने भी साथ छोड़ा तो विपक्ष के भाजपा के गैरयादव ओबीसी विरोधी होने के आरोपों को बल मिलेगा।वहीं तीन दर्जन सीटों से शुरू हुई बात
पहले दौर में अपना दल ने तीन दर्जन सीटें मांगी थी।पीछले चुनाव में उसे एक दर्जन सीटें मिलीं थी और तीसरे दौर की बातचीत में अपना दल दो दर्जन सीटों पर अड़ गया।भाजपा सूत्रों के अनुसार निषाद पार्टी बड़ी समस्या नहीं है।पार्टी के पास अपना चुनाव चिन्ह नहीं है और ऐसे में ज्यादा संभावना है कि निषाद पार्टी के उम्मीदवार भाजपा के निशान पर चुनाव लड़ें और वैसे भी पार्टी की योजना निषाद पार्टी की ज्यादातर सीटों पर अपना उम्मीदवार देने की है।
आपको बता दें कि इस विधानसभा चुनाव में अपना दल की अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल की भूमिका बढ़ेगी।क्यूकिं पार्टी का कहना है कि उनका कुर्मी बिरादरी के इतर दूसरे गैरयादव ओबीसी जातियों मेंं भी अच्छा प्रभाव है और विपक्ष के गैरयादव पिछड़ा विरोधी आरोपों का जवाब देने के लिए भाजपा की योजना अनुप्रिया को आगे करने की है।इसी के तहत अनुप्रिया की पूरे उत्तर प्रदेश में जनसभा कराई जाएगी और अलावा वह हर बड़ी रैलियों में मंच पर मौजूद रहेंगी।