उत्तर प्रदेश सरकार लगातार ऊर्जा संरक्षण की दिशा में अहम कदम उठा रही है। इसी के तहत अब अयोध्या, मथुरा, वाराणसी, प्रयागराज और गोरखपुर सहित धार्मिक महत्व वाले शहर 2024 तक स्वच्छ और हरित ऊर्जा से लैस होंगे। उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने इसे लेकर विस्तार से जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि इन शहरों में घरों की छतों पर लगाए जाने वाले सौर पैनलों से लगभग 670 मेगावाट सौर ऊर्जा हासिल की जा सकेगी। ऊर्जा के इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें उपभोक्ताओं को 859 करोड़ रुपये और 473 करोड़ रुपये की सब्सिडी भी देंगी।
इस बारे में जानकारी देते हुए यूपी के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा कि ऊर्जा विभाग ‘उजाला’ योजना के तहत 1,363 करोड़ रुपये की बचत कर रहा है। जिसके तहत उसने बिजली उपभोक्ताओं को 2.62 करोड़ एलईडी बल्ब बांटे हैं। इसे लेकर श्रीकांत शर्मा ने दावा किया कि ऊर्जा संरक्षण के तहत उठाए जा रहे कदमों से ऊर्जा विभाग कम से कम 3,400 मिलियन यूनिट बिजली की बचत कर रहा है। इसके अलावा पीक ऑवर्स में बिजली की मांग में 682 मेगावाट की कमी आई है। जबकि कार्बन उत्सर्जन में 2.76 मिलियन टन की कमी आई है।
इसके अलावा प्रदेश की योगी सरकार 12 लाख नलकूपों को ऊर्जा कुशल बनाने के लिए भी कदम उठा रही है। इससे सरकार को 400 करोड़ यूनिट बिजली बचाने में मदद मिलेगी। इसके लिए पहले चरण में 9,000 ट्यूबवैल को ऊर्जा कुशल बनाया जा रहा है। कुसुम योजना के तहत लगभग 26,000 निजी नलकूपों को सौर ऊर्जा से संचालित करने की योजना तैयार की गई है।
वहीं ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा कि सरकार ने प्रधानमंत्री-कुसुम योजना भी प्रदेश में शुरू की है। जिसके तहत किसान अपनी बंजर भूमि पर 500 किलोवाट से 2 मेगावाट क्षमता के सौर संयंत्र लगा सकते हैं। राज्य सरकार सभी सरकारी भवनों में रूफटॉप सौर ऊर्जा पैनलों को लगाकर सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने की तैयारी कर रही है।