पुलिस घर में सीढ़ी लगा कर घुसी थी ; पिछले महीने इमरजेंसी लगाई थी , संसद ने फैसला पलटासाउथ कोरिया के पूर्व राष्ट्रपति की गिरफ्तारी ने देश में राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर गहरी हलचल पैदा कर दी है। यह घटनाक्रम उस समय हुआ, जब पूर्व राष्ट्रपति ने अपने इमरजेंसी लगाने के फैसले को सही ठहराने की कोशिश में खुद को कानूनी प्रक्रिया से अलग रखने की कोशिश की। हालांकि, जनता और विपक्ष के भारी दबाव के चलते संसद ने उन्हें पद से हटाने का प्रस्ताव पारित किया। उनके इस विवादास्पद कदम के कारण देशभर में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए, जिससे राजनीतिक अस्थिरता बढ़ गई।गिरफ्तारी के दौरान पुलिस को उनके सरकारी आवास में प्रवेश करने के लिए खिड़की और सीढ़ी का सहारा लेना पड़ा, क्योंकि उनके समर्थकों ने सुरक्षा बलों को रोकने की कोशिश की थी। इस पूरे घटनाक्रम में पुलिस और सुरक्षा बलों की भारी तैनाती की गई ताकि कोई अप्रिय घटना न हो। गिरफ्तारी के तुरंत बाद सरकार ने देश में शांति बनाए रखने की अपील की, लेकिन विरोधियों और समर्थकों के बीच झड़पों की आशंका बनी हुई है।विपक्षी दलों ने इसे लोकतंत्र और कानून की जीत बताते हुए कहा कि कोई भी व्यक्ति संविधान और कानून से ऊपर नहीं है। वहीं, पूर्व राष्ट्रपति के समर्थकों ने इस कार्रवाई को राजनीतिक प्रतिशोध करार दिया और सरकार पर सत्ता का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया।
इस घटना ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी ध्यान आकर्षित किया है। कई देशों ने साउथ कोरिया की लोकतांत्रिक प्रक्रिया और पारदर्शिता की सराहना की, जबकि कुछ ने देश में राजनीतिक स्थिरता बनाए रखने की अपील की है। यह मामला न केवल दक्षिण कोरिया के भीतर शक्ति संतुलन को दर्शाता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि लोकतंत्र में जनता की भूमिका कितनी महत्वपूर्ण है। यह घटनाक्रम एक चेतावनी भी है कि सत्ता में बैठे किसी भी व्यक्ति को जनता और संविधान के प्रति जवाबदेह रहना चाहिए।