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1984 सिख दंगा मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे पूर्व कांग्रेसी नेता सज्जन कुमार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सीबीआई को नोटिस जारी करके 6 हफ्ते में जवाब मांगा है। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति अशोक भूषण एवं न्यायमूर्ति अशोक कौल की पीठ ने कुमार की जमानत याचिका पर भी नोटिस जारी किया।
उच्च न्यायालय ने 17 दिसंबर के अपने फैसले में कुमार को ताउम्र कैद की सजा सुनाई थी। इसी फैसले के अनुरूप 73 वर्षीय कुमार ने 31 दिसंबर, 2018 को एक निचली अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण किया था। बता दें कि हाईकोर्ट ने दिल्ली कैंट इलाके में सिखों के कत्लेआम मामले में सज्जन कुमार को उम्रकैद की सजा सुनाई थी और 31 दिसंबर तक आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया था।
इसके अलावा कोर्ट ने सज्जन कुमार पर 5 लाख का जुर्माना भी लगाया था। हाईकोर्ट ने बाकी 5 दोषियों पर एक-एक लाख का जुर्माना लगाया था, जिनमें बलवान खोखर, कैप्टन भागमल, गिरधारी लाल को उम्रकैद जबकि महेंद्र यादव और किशन खोखर की सजा 3 से 10 साल बढ़ा दी थी।
दरअसल, निचली अदालत ने सज्जन कुमार को बरी कर दिया था। वहीं कांग्रेस के पूर्व पार्षद बलवान खोखर, रिटायर्ड नेवी अफसर कैप्टन भागमल, गिरधारी लाल को उम्रकैद की सजा और बाकी दो दोषियों पूर्व MLA महेंद्र यादव, किशन खोखर को 3 साल की सजा सुनाई थी। जबकि कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को बरी कर दिया गया था। निचली अदालत के फैसले के खिलाफ दोषियों ने दिल्ली हाईकोर्ट में अपील की थी।