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चमकी बुखार को लेकर कांग्रेस नेता गिरीश कुमार ने कसा तंज , क्या यही है सुशासन व्यवस्था की नीति।

बिहार की स्वास्थ व्यवस्था बेदम होती रही है। बिहार में चमकी बीमारी इतना भयानक रूप ले चुकी है कि अबतक 200 मासूम बच्चे इस  भयानक बीमारी के चलते मौत के मुँह में समा गये। आये दिन कोई चमकी बीमारी से मरने की खबर आती जा रही है। वही दूसरी तरफ प्रदेश सरकार की जिम्मेदारी सत्ता तक ही सीमित रह गई। जबकि यह सिर्फ बिहार के लिए ही नहीं पुरे देश के लिए दुखद खबर है, आखिर देश की स्वास्थ व्यवथा इतनी असहाय हो चुकी है, कि ऐसी भयानक बीमारी से निपटने के लिए सरकार के पास कोई सक्षम इंतज़ाम को नहीं है। क्या इसी विकास के साथ देश आगे बढ़ रहा है। देश के एक हिस्से में एक बीमारी से इतने बच्चो की मौत हो जाती है, लेकिन देश की सरकार इस विषय पर कंही कोई  गंभीर चर्चा करती नज़र नहीं आती।

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क्या इसी को शिक्षित और विकसित देश कहेंगे तो यह देश और उसके भविष्य के लिए एक निंदनीय स्थिति है। ऐसी व्यवस्था का जनकल्याण से कोई सरोकार ही नहीं है, किसी भी देश के सक्षम भविष्य लिए शिक्षा और स्वस्थ ही अहम् बुनियाद है, तभी यह देश विकास के पथ पर अग्रसर हो सकता है ,लेकिन वही दूसरी और राज्य के 200 बच्चो की मौत हो जाती है और इस विषय पर सरकार और व्यवस्था प्रणाली पर कंही कोई गंभीरता नज़र नहीं आती है।


बिहार में हो रहे बच्चों की मौत पर आल इंडिया कांग्रेस कमेटी के मीडिया को ऑर्डिनेटर गिरीश कुमार ने बिहार सरकार पर तंज कसा है। डेली बिहार से विशेष बातचीत में उन्होंने कहा कि- नीतीश कुमार हेलीकॉप्टर से अपने कार्यकर्ता से मिलने जा सकते हैं लेकिन 200 बच्चों की मौ;त हो जाती है।मुजफ्फरनगर के पीड़ित परिजनों तक मिलने नहीं जाते ,आखिर क्यूँ ? क्यों हर साल मुज़फरपुर में इतनी मौ-तें होती हैं। कौन जिम्मेदार है, प्रदेश के मुख्यमंत्री जो जदयू के हैं या स्वस्थ विभाग के मंत्री जो भाजपा से हैं? जिम्मेदारी तय होनी चाहिए, आपराधिक मामला दर्ज होना चाहिए , क्योंकि इन् मौत का कारण सरकार की नीतियां हैं, लापरवाही है।

हॉस्पिटल में डॉ नही है , दवाई नही है , ऐसी छोड़िये , कूलर भी नही है, क्या इसको सुशासन कहते हैं। देश में 200 बच्चो की मौत हो जाती है। आये दिन खबर सुनते है और यह भयानक बीमारी का विषय सिर्फ इंसानियत भावनात्मकता से शुरू होकर इंसानियत भावनात्मकता पर ही ख़त्म हो जाता है। हमे सोचना होगा भारत में  इस तरह की कितनी बीमारिया है जो लाईलाज  बनी हुई है ,यह एक मुख्य विषय है ताकि देश और भविष्य को भयानक बीमारियों के मौत के मुँह में जाने से बचा सके सरकार की जिम्मेदारी सिर्फ सत्ता में बने रहना ही नहीं समाज की समस्या को सुनना भी है। इस तरह की बीमारी से निपटने के लिए पुख्ता इंतज़ाम करने होंगे। स्वास्थ व् शिक्षित देश ही विकास की मुख्य बुनियाद है।

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