सितंबर खत्म होने को है, लेकिन देश के अलग-अलग हिस्सों में अप्रत्याशित तौर पर बारिश हो रही है। अमूमन हर साल इस समय तक मानसून लौट चुका होता है, लेकिन यह पिछले 60 सालों में पहला मौका है कि मानसून लौटने में सबसे ज्यादा देर कर रहा है। मानसून का इतनी देरी से लौटना लोगों के लिए आफत बन चुका है। देश के अलग-अलग हिस्सों में भारी बारिश से जान माल का बहुत नुकसान हुआ है और यह लोगों पर कहर बनकर टूट रही है। महाराष्ट्र के पुणे में बाढ़ के हालात हैं। इस बाढ़ ने अबतक 17 जिंदगियां ले ली है।
हैदराबाद में भी बाढ़ से जनजीवन अस्त-व्यस्त है और यहां तीन लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, उत्तर प्रदेश में अबतक 14 जानें जा चुकी हैं और कुल मिलाकर देखा जाए तो तो अबतक बाढ़ और बारिश से 34 मौतें हो चुकी है।हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में बारिश ने तबाही मचा रखी है। लखनऊ, वाराणसी समेत कई शहरों में शुक्रवार को स्कूल-कॉलेज बंद करा दिए गए। बिहार में अगले तीन दिनों तक भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। इतनी भारी बारिश किसानों के लिए भी अच्छी नहीं बताई जा रही है।
1960 के बाद पहली बार सबसे देरी से अलविदा होगा मानसून
मानसून की जो स्थिति है, अभी 10 दिन तक इसके लौटने के आसार नहीं है। 1960 के बाद यह पहली बार है, जब मानसून इतनी देरी से अलविदा कहेगा। भारतीय मौसम विभाग के प्रमुख मृत्युंजय महापात्र के अनुसार, पांच अक्तूबर तक मानसून के लौटने भारी बारिश का अनुमान है। इसलिए हो सकता है कि पांच अक्तूबर तक मानसून का लौटना शुरू भी नहीं हो पाएगा।
Written by: Simran Gupta
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