सेंट्रल डेस्क आयुषी गर्ग:- अमेरिकी विभाग ने शुक्रवार को कहा पाकिस्तान ने लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद को पैसे जुटाने और भर्ती करने की क्षमता को सीमित करने में विफल रहा है। इसके अलावा उसने इन आतंकी संगठनों से जुड़े व्यक्तियों को चुनाव लड़ने की अनुमति दी। विभाग ने यह जानकारी आतंकवाद को लेकर अपनी सालाना रिपोर्ट 2018 में दी।
इसमें विभाग ने वित्तीय कार्रवाई कार्यबल की शर्तों को लागू करने को लेकर पाकिस्तान की कोशिशों के बारे में बताया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान लशकर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों पर संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों को लागू करने में असफल रहा है। यह संगठन लगातार पैसा जुटा रहे हैं।
रिपोर्ट में लश्कर और जैश का हवाला दिया गया है जो 2018 में खतरा बने रहे और कहा गया है कि उन्होंने भारतीय और अफगान ठिकानों पर हमला करने की क्षमता और इरादे को बनाए रखा है। इसमें जैश द्वारा फरवरी में भारतीय सेना के सुंजुवन स्थित कैंप पर हमले का जिक्र किया गया है। जिसमें सात जवान शहीद हो गए थे।
पाकिस्तान और उसके साथी देशों ने आश्वासनों के विपरीत इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है। अमेरिका ने कहा, सरकार पाकिस्तान में पैसा जुटाने, भर्ती करने और प्रशिक्षण देने से लश्कर और जैश को सीमित करने में विफल रही है। पाकिस्तान ने उन उम्मीदवारों को चुनाव लड़ने की मंजूरी दी जो लश्कर से संबंध रखते थे।
रिपोर्ट का कहना है कि वैश्विक तौर पर ईरान आतंकवाद के मामले में दुनिया का सबसे खराब राज्य प्रायोजक है। अलकायदा का वजूद कायम है और उसका मकसद वैश्विक तौर पर खुद को जिहादी आंदोलन के तौर स्थापित करना है। अमेरिका ने पिछले हफ्ते इस बात की घोषणा की थी कि उसने आईएसआईएस के सरगना अबु बकर अल-बगदादी को मारा गिराया है।
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