सेंट्रल डेस्क आयुषी गर्ग :- इस वक्त दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर खतरनाक लेवल पर है। प्रदूषण के इस हद तक बढ़ने का कारण पंजाब और हरियाणा में किसानों द्वारा पराली जलाना है। धान की फसल कटाई और गेहूं की फसल बोने के बीच में किसानों के पास करीब 10 दिन का ही वक्त होता है। ऐसे में फसल की रोपाई के लिए खेतों में जमा पराली को हटाना अनिवार्य है। इस परिस्थिति में किसानों के पास सबसे सुविधाजनक तरीका पराली जलाना ही है। इसके साथ ही पंजाब और हरियाणा के खेतों से उठनेवाला यह धुआं पड़ोसी दिल्ली की सेहत जरूर खराब कर रहा है
कैप्टन अमरिंदर ने लिखा केंद्र को पत्र, पंजाब में पराली जलाने के केस में वृद्धि से दिल्ली की हवा खराब
इस वक्त दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर खतरनाक लेवल पर है। प्रदूषण के इस हद तक बढ़ने का कारण पंजाब और हरियाणा में किसानों द्वारा पराली जलाना है। धान की फसल कटाई और गेहूं की फसल बोने के बीच में किसानों के पास करीब 10 दिन का ही वक्त होता है। ऐसे में फसल की रोपाई के लिए खेतों में जमा पराली को हटाना अनिवार्य है। इस परिस्थिति में किसानों के पास सबसे सुविधाजनक तरीका पराली जलाना ही है। इसके साथ ही पंजाब और हरियाणा के खेतों से उठनेवाला यह धुआं पड़ोसी दिल्ली की सेहत जरूर खराब कर रहा है।
पंजाब के सीएम ने केंद्र सरकार को लिखा पत्र
दिल्ली में प्रदूषण और खेतों में पराली जलाने को लेकर राजनीतिक वाद-विवाद भी जारी है। पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर तत्काल सहायता की मांग की है। उन्होंने केंद्र को लिखे पत्र में लिखा, ‘मैं यह पत्र इसलिए नहीं लिख रहा हूं कि पंजाब राज्य की जिम्मेदारियों से अपना पल्ला झाड़ सकूं। हमें इसके लिए जिम्मेदार ठहराना चाहिए, लेकिन बाकी देश भी इसके लिए उतना ही जिम्मेदार है और दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार भी।’
Punjab CM writes to PM Modi seeking Centre's intervention to evolve consensus on Delhi pollution issue.Letter states,"I'm not writing this to brush my hands off Punjab's responsibility in this state of affairs. We are to blame but so is rest of country, including Delhi&your govt" pic.twitter.com/OO1lJiaWkm
— ANI (@ANI) November 2, 2019
पराली के कारण दिल्ली की हवा जहरीली
पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने का असर दिल्ली पर भयानक तरीके से पड़ रहा है। शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी का प्रदूषण स्तर 75 पॉइंट बढ़ गया जिसके कारण एयर क्वॉलिटी इंडेक्स 484 तक पहुंच गया। दिल्ली और एनसीआर की हवा की गुणवत्ता इस कारण से बेहद खराब की श्रेणी में है और शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के पैनल ने स्वास्थ्य आपातकाल (हेल्थ इमर्जेंसी) लगा दी।
दावों के बाद भी थम नहीं रही पराली जलाने की घटनाएं
23 सितंबर से 31 अक्टूबर के बीच लुधियाना के रिमोट सेंसिंग सेंटर के आंकड़ों के अनुसार, पंजाब के गांवों में पराली जलाने की 22,137 घटनाएं दर्ज की गई हैं। इसी समय अवधि में पिछले साल 17,646 केस दर्ज किए गए थे जिसमें 22% तक की वृद्धि दर्ज की गई है। पंजाब की 29 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि में फसल से 22 मिलियन टन पराली इकट्ठा होता है। इतनी बड़ी संख्या में पराली जलाने का असर दिल्ली की हवा पर पड़ता है। हरियाणा में 13 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि पर अक्टूबर में 4,257 आग जलाने की घटना दर्ज की गई है।
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