पिछले 14दिनों से किसानों का आंदोलन नए कृषि कानूनों के खिलाफ जारी है। वहीं आज यानि बुधवार को सरकार ने किसानों को संशोधन का प्रस्ताव भेजा , जोकि किसानों ने ठुकरा दिया है। और इसके बाद सभी किसान नेताओं ने मिलकर एक बैठक की। जिसमें के कई बड़े फैसले लिए गए हैं। खबर ये भी सामने आ रही है कि सभी किसान मिलकर अब दिल्ली-उत्तर प्रदेश हाइवे और राजस्थान के हाइवे को ठप करने की तैयारी कर रहे हैं।
सरकार के प्रस्ताव को पढ़कर किसान नेताओं ने कहा कि, जो प्रस्ताव सरकार ने हमें भेजे थे,उनमें कुछ भी हमारी मांगो के अनुसार नही लिखा गया है। और इसलिए हमने उसे नामंजूर कर दिया गया है। इसके साथ किसान नेताओं ने सरकार को अब ये चेतावनी दे दी है कि अगर कानून वापस नहीं लिए गए, तो हम इस आंदोलन को और भी तेज कर देंगे। और इसके लिए नया धरना 14 दिसंबर को दिया जाएगा। साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि 12 दिसंबर को जयपुर-दिल्ली हाइवे को ब्लॉक किया जाएगा। क्रांतिकारी किसान यूनियन के अध्यक्ष दर्शन पाल ने कहा, ‘हमने सरकार के प्रस्ताव ठुकरा दिए हैं.’
वहीं किसानों का समर्थन कर रहे नेता योगेंद्र यादव ने कहा, ‘सरकार ने मीटिंग के वक्त हमें जो विश्वास दिलाया था, प्रस्ताव उसका कोई भी जिक्र नहीं किया गया है। उन्होंने कहा, ‘सरकार ने 9 प्रस्तावों में छुटपुट बदलाव किए हैं.’ यादव ने दावा किया है कि जल्द ही इस आंदोलन में देशभर के किसान जुड़ेंगे.
विपक्षी दलों की राष्ट्रपति से मुलाकात
आपको बता दें कि किसानों के समर्थन में आए विपक्षी दलों के नेता अब किसानों की मांगों को पूरा करवाने के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलने पहुंचे हैं। जिसमें एनसीपी के अलावा कांग्रेस, माकपा, भाकपा, डीएमके और तृणमूल कांग्रेस शामिल है। बताया जा रहा है कि ये मीटिंग कल शाम 5 बजे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के साथ करने वाले हैं। इन नेताओं में राहुल गांधी, शरद पवार और अन्य नेता शामिल होंगे