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9वें दौर की बातचीत में भी नहीं बनी बात, 19 जनवरी को फिर होगी किसानों-सरकार की वार्ता

लंबे वक्त से दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों के आंदोलन के खत्म होने की अभी भी कोई संभावना दिखाई नहीं दे रही है। दरअसल एक बार फिर किसानों और सरकार के बीच हुई बैठक बेनतीजा रही है। किसानों और सरकार के बीच हुई 9वें दौर की बातचीत में भी मांगों पर सहमति नहीं बन सकी है। हालांकि एक बार फिर दोनों पक्षों के बीच अगली मुलाकात 19 जनवरी को तय की गई है।

किसानों और सरकार के बीच दिल्ली के विज्ञान भवन में 9वें दौर की बातचीत हुई। जहां एक तरफ किसान संगठन कृषि कानूनों को रद्द किए जाने पर अड़े हैं तो वहीं सरकार किसानों से विकल्प मांग रही है। ऐसे में दोनों ही पक्षों में एक बार फिर कोई सहमति नहीं बन सकी। बैठक में सरकार की तरफ से केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, पीयूष गोयल और सोम प्रकाश मौजूद रहे। खास बात है कि इससे पहले हुई 8 बार की बातचीत में अब तक केवल पराली जलाने और सब्सिडी से जुड़ी मांगों पर ही सहमति बन सकी है।

दरअसल सरकार नए कृषि कानूनों में संशोधन के लिए तैयार है, लेकिन किसान नए कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग पर अड़े हुए हैं। हालांकि, सरकार बातचीत से पहले ही साफ कर चुकी थी कि कानून वापस लिया जाना कोई विकल्प नहीं है। लेकिन फिर भी बैठक से पहले कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने वार्ता को लेकर काफी उम्मीद जताई थी।

वहीं आज की बातचीत के बाद कृषि मंत्री ने कहा कि किसान संगठनों के साथ आज की बात निर्णायक नहीं हो सकी। दोनों पक्ष एक बार फिर 19 जनवरी को वार्ता करेंगे। हम बातचीत के जरिए समाधान तक पहुंचने की बात पर भरोसा रखे हुए हैं। सरकार ठंड में प्रदर्शन कर रहे किसानों को लेकर फिक्रमंद है।

वहीं इस पूरे मुद्दे के बीच किसान संगठनों की तरफ से साफ कर दिया गया कि वो सुप्रीम कोर्ट की तरफ से गठित कमेटी के पास नहीं जाएंगे। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने बैठक के बाद कहा कि हम कमेटी के पास नहीं जाएंगे। हम अपनी मांगों पर कायम हैं और सरकार के साथ बातचीत का रास्ता ही अपनाएंगे।

वहीं कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों के मुद्दों पर राहुल गांधी को भी अपने निशाने पर लिया। उन्होंने कहाकि कांग्रेस पार्टी राहुल गांधी के बयानों और कामों पर हंसती है, उनका मजाक उड़ाती है। मैं ये याद दिलाना चाहूंगा कि उनके 2019 के घोषणा पत्र में कांग्रेस ने इन कानूनों को लाने वादा किया था। उनको याद नहीं है, तो वो अपना घोषणा पत्र दोबारा पढ़ें।

इसके अलावा कृषि मंत्री ने बातचीत औऱ मुद्दे के समाधान के लिए किसानों से थोड़ा लचीला रुख अपनाने की अपील की है। बैठक में हुई बातचीत को लेकर पंजाब किसान मोर्चा के बलजीत सिंह बाली ने बताया कि सरकार की तरफ से आज की बैठक में कहा गया कि आप लोग लगातार ये कह रहे हैं कि सरकार अड़ी हुई है और इसे अहंकार का मुद्दा बना रही है। जबकि, हमने आपकी कई मांगें मान ली हैं। आपको नहीं लगता कि आपको थोड़ा लचीला होना चाहिए और कानून वापस लेने की मांग पर अड़े नहीं रहना चाहिए।

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