उत्तर प्रदेश पंचायत चुनावों को लेकर अब हलचल तेज हो चुकी है। त्रिस्तरीय सामान्य निर्वाचन-2021 के लिए आरक्षण नीति को लेकर पंचायती राज विभाग ने अधिसूचना जारी कर दी है। उत्तर प्रदेश पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर प्रक्रिया को लेकर पूरी जानकारी दी है। इस बार पंचायत चुनावों में रोटेशन प्रक्रिया लागू की जाएगी। एसीएस मनोज कुमार ने बताया कि जिला पंचायत अध्यक्ष और वार्ड मेंबर, क्षेत्र पंचायत के सदस्य ग्राम प्रधान और उनके सदस्यों को लेकर सभी सीटों को निर्धारित किया जा चुका है।
एससी, ओबीसी और महिला के क्रम में आरक्षण तय किया जाएगा। इसके अलावा जो पद पहले आरक्षित नहीं था, उन्हें इस बार चुनावों में वरीयता दी जाएगी। इसके लिए 20 फरवरी तक प्रस्ताव तैयार कर दिया जाएगा। साथ ही 2 से 8 मार्च तक आपत्ति दाखिल की जा सकेंगी।
एसीएस ने जानकारी दी कि जिलों के सापेक्ष प्रदेश में कुल 75 जिला पंचायत अध्यक्ष के पद हैं। अनुसूचति जनजाति यानि एसटी के लिए इस बार जिला पंचायत अध्यक्ष में कोई पद आरक्षित नहीं किया गया है। ब्लॉक प्रमुख के लिए 5 पदों को आरक्षित किया गया है। साथ ही 330 ग्राम पंचायत के पद एसटी के लिए आरक्षित किए गए हैं।
इसके अलावा अनुसूचित जाति यानि एससी के लिए 16 जिला पंचायत के पद आरक्षित किए गए हैं। इसी तरह पिछड़ी जातियों के लिए जिला पंचायत अध्यक्ष के 20 पद आरक्षित होंगे। वहीं महिलाओं के लिए जिला पंचायत अध्यक्ष के 25 पर 27 जिला पंचायत अध्यक्ष के पद अनारक्षित होंगे। इसी तरह से प्रदेश में ब्लॉक प्रमुख के कुल 826 पदों में से एसटी के लिए 5 पद आरक्षित हैं। जबकि एससी के लिए 171 पद आरक्षित होंगे। ओबीसी के लिए 223 पद आरक्षित किए गए हैं।
वहीं उत्तर प्रदेश में ग्राम पंचायतों के कुल 58194 पदों में से एसटी के लिए 330 पद आरक्षित किए गए हैं। जबकि एससी के लिए 12045 पद आरक्षित हैं। इसी तरह ओबीसी के लिए 15712 पद आरक्षित हैं।वहीं जो पद पहले आरक्षित नहीं था, उन्हें वरीयता दी जाएगी।